भारतीय दवा कंपनियों ने इस साल अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) के कड़े निरीक्षण मानकों का पालन करने पर ज्यादा जोर दिया है और जैविक दवाओं, औषधियों और उपकरणों के संबंध में उनके अनुपालन में सुधार आया है। यूएसएफडीए के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि निरीक्षणों के विपरीत नतीजों की संख्या घटी है जिससे पूरे क्षेत्र के परिचालन मानकों में सुधार का संकेत मिलता है।
वर्ष 2023 में, यूएसएफडीए ने 225 निरीक्षण किए। इनसे ‘ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड’ (ओएआई) के 18 मामले और ‘वॉलंटरी एक्शन इंडिकेटेड’ (वीएआई) के 117 मामले सामने आए। 2024 तक नियामकीय मानकों में सख्ती के बीच कुल निरीक्षणों की संख्या घटकर 206 रह गई। इनमें ओएआई मामले घटकर 14 और वीएआई 115 रह गए। यह सुधार वैश्विक मानकों के अनुरूप चलने तथा उच्च गुणवत्ता वाली विनिर्माण प्रणालियों को सुनिश्चित करने के प्रति क्षेत्र की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
2024 में, ओएआई दर्जा एक साल पहले की तुलना में 22.22 प्रतिशत तक घट गया। महामारी से पहले के वर्षों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2018 से 2019 के बीच ओएआई की स्थिति में 100 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। हालांकि, 2020 में महामारी की शुरुआत के कारण इसमें 75 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई और उससे अगले वर्ष 2021 में भी स्थिति में कमजोरी जारी रही और इसमें 50 प्रतिशत की गिरावट आई।
जब एफडीए किसी संयंत्र का निरीक्षण करता है, तो वह निरीक्षण के निष्कर्ष के आधार पर परिणामों को वर्गीकृत करता है। किसी भी कमी के मामले में, संयंत्र को वीएआई वर्गीकरण मिलता है, जो दर्शाता है कि आपत्तिजनक स्थितियां या प्रणालियां पाई गई थीं, लेकिन संयंत्र को एफडीए से तत्काल नियामक कार्रवाई के बिना स्वेच्छा से उन्हें ठीक करने का अवसर दिया जाता है।
दूसरी तरफ,ओएआई वर्गीकरण गंभीर विनियामक उल्लंघनों का संकेत देता है जो सुरक्षा, कल्याण या डेटा विश्वसनीयता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। ऐसे मामलों में एफडीए प्रशासनिक या विनियामक कार्रवाइयों की अनुशंसा करता है, जिसमें वार्निंग लेटर, अनटाइटल्ड लेटर या यहां तक कि इम्पोर्ट अलर्ट या निषेधाज्ञा जैसी कानूनी कार्रवाइयां भी शामिल हो सकती हैं। यदि निरीक्षण के दौरान कोई उल्लंघन नहीं पाया जाता है, तो इसे नो एक्शन इंडिकेटेड (एनएआई) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।