कीमती धातुओं पर रिसर्च करने वाली लंदन की स्वतंत्र एजेंसी, गोल्ड फील्ड मिनरल सर्विसेज (जीएफएमएस) लिमिटेड ने अपने वार्षिक गोल्ड सर्वे के 42वें संस्करण में भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें 1100 डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच सकती हैं।
यह 1,000 डॉलर के स्तर के फिर से पार करने के बाद हो जाएगा। खरीदार अब भी सोने में निवेश को सबसे सुरक्षित मान रहे हैं। लंदन में बुधवार को सर्वे के नतीजों को बताते हुए जीएफएमएस के चेयरमैन फिलिप क्लापविज्क ने कहा, ‘कीमतें एक बार फिर फरवरी के स्तर पर आ सकती हैं, लेकिन बाजार की जो प्रतिक्रिया है, उससे लगता है कि आभूषणों की मांग घट रही है और पुराने गहनों की बिक्री बढ़ रही है।’
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं द्वारा वित्तीय और मौद्रिक कदम उठाए जाने, खासकर अमेरिका के कदमों से सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि मुद्रास्फीति का दबाव भी बना हुआ है। इसके अलावा वैश्विक केंद्रीय बैंक भी ब्याज दरें कम कर सकते हैं, इसका प्रभाव भी सोने पर पड़ेगा और लोग सोने में निवेश की ओर आकर्षित होंगे।
जीएफएमएस ने हालांकि चेतावनी दी है कि सोने की ओर से निवेशक मुंह मोड़ भी सकते हैं और मुद्रास्फीति के दबाव में कीमतें 900 डॉलर के नीचे भी कुछ समय के लिए जा सकती हैं। सर्वे में कहा गया है कि आधिकारिक रूप से खदान में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी 2008 में हुई।
लेकिन गहनों की मांग में 10 प्रतिशत या 250 टन की कमी आई, क्योंकि कीमतों में तेजी या बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव रहा। इसकी प्रमुख वजह मंदी और नकारात्मक आर्थिक विकास रही। 2008 के दौरान गहनों की मांग गर्मियों के बाद बढ़ सकती है।
उसके पहले कीमतें 800 डॉलर तक पहुंच सकती हैं, और आगे खरीद नहीं हुई तो कीमतों में गिरावट बरकरार रहेगी। इसकी मांग में 7 प्रतिशत की कमी आई और यह पिछले साल घटकर 2,850 टन रह गया, यह 1988 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
साल की पहली छमाही के दौरान आभूषण क्षेत्र को खासा नुकसान हुआ, लेकिन तीसरी तिमाही में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ और चौथी तिमाही में स्थिति सामान्य होने की ओर पहुंच गई। सालाना आधार पर देखें तो कुल बिक्री में 49 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो के वल 246 टन रही। 1995 के बाद का सबसे निम्न स्तर है। गिरावट की एक वजह खनन क्षेत्र में आई गिरावट भी है।