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सुजलॉन को टाटा पावर रिन्यूएबल से मिला FY26 का सबसे बड़ा ऑर्डर, 3 राज्यों में लगेंगे 838 MW के प्रोजेक्ट

यह सुजलॉन का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर है। इससे पहले, कंपनी को NTPC ग्रीन एनर्जी से 1,544 मेगावाट का ऑर्डर मिला था

Last Updated- September 16, 2025 | 11:07 AM IST
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सुजलॉन ग्रुप ने अब तक 17 देशों में 21 गीगावाट से ज्यादा विंड एनर्जी क्षमता स्थापित की है। (Representational Image)

Suzlon Energy FY26 biggest Order: देश की सबसे बड़ी विंड एनर्जी सॉल्यूशन कंपनी सुजलॉन (Suzlon Energy) को वित्त वर्ष 2025-26 का सबसे बड़ा ऑर्डर मिला है। 838 मेगावाट का यह ऑर्डर टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) से हासिल हुआ है। यह कंपनी के फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यह सुजलॉन का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर है। इससे पहले, कंपनी को NTPC ग्रीन एनर्जी से 1,544 मेगावाट का ऑर्डर मिला था। सुजलॉन ने मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी। इस डेवलपमेंट के बाद स्टॉक में हलचल देखने को मिली।

सुजलॉन एनर्जी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट भारत की एनर्जी ट्रांजिशन यात्रा में अहम साबित होगा। FDRE आधारित विंड सिस्टम अब ग्रिड-स्टेबल और 24/7 क्लीन एनर्जी उपलब्ध कराने के लिए एक बड़े समाधान के रूप में उभर रहे हैं। इस सहयोग से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि सुजलॉन की अगली पीढ़ी की तकनीक और टाटा पावर की स्केलेबल ग्रीन एनर्जी की सोच एक साथ मिलकर भारत के ‘मेड इन इंडिया’ इनोवेशन को मजबूत बना रही है।

कहां लगेगी विंड टर्बाइन?

कंपनी ने बताया कि 838 मेगावाट की इस परियोजना के अंतर्गत सुजलॉन की S144 विंड टर्बाइन लगाई जाएंगी, जिनकी क्षमता 3.15 मेगावाट प्रति यूनिट होगी। कुल 266 टर्बाइन तीन राज्यों में स्थापित की जाएंगी। इनमें कर्नाटक (302 मेगावाट), महाराष्ट्र (271 मेगावाट) और तमिलनाडु (265 मेगावाट) शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट SJVN और NTPC को दिए गए FDRE बिड्स का हिस्सा है।

सुजलॉन के वाइस चेयरपर्सन गिरीश तांती ने कहा कि टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य 2045 तक 100% क्लीन पावर हासिल करना है। इस महत्वाकांक्षी सफर में अपनी उन्नत ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक के साथ साझेदारी करके हमें गर्व है। हमारा यह तीसरा रिपीट ऑर्डर हमारी साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

सुजलॉन ग्रुप के सीईओ जेपी चलसानी ने कहा कि टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी की डिमांड एडवांस तकनीकी मानक और एग्जीक्यूशन क्षमता की रहती है। यह पूरी इंडस्ट्री के लिए बेंचमार्क सेट करता है। यह साझेदारी बताती है कि सुजलॉन अपनी ‘मेड इन इंडिया’ इनोवेशन और निष्पादन क्षमता के जरिए भरोसेमंद साझेदार बना हुआ है।

यह भी पढ़ें: Short-term stocks: 1 महीने में कमाई का मौका! ब्रोकरेज ने सुझाए 3 स्टॉक्स, 13% तक रिटर्न की उम्मीद

17 देशों में है ऑपरेशन

सुजलॉन ग्रुप ने अब तक 17 देशों में 21 गीगावाट से ज्यादा विंड एनर्जी क्षमता स्थापित की है। भारत में इसकी मौजूदीगी सबसे बड़ी है, जहां कंपनी के पास 15.2 गीगावाट की स्थापित क्षमता है। इसके अलावा करीब 6 गीगावाट विदेश में। है। सुजलॉन के पास जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क और भारत में R&D केंद्र हैं और भारत में अत्याधुनिक विनिर्माण इकाइयां भी हैं। कंपनी में 8,100 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं और यह भारत की नं.1 रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन कंपनी मानी जाती है।

Suzlon: शेयर में दिखा मूवमेंट

टाटा पावर से वित्त वर्ष 2026 के सबसे बड़े ऑर्डर की खबर के बाद सुजलॉन एनर्जी के शेयर में तेज हलचल देखने को मिली। मंगलवार के कारोबारी सेशन में ऑर्डर की खबर आते ही शेयर में BSE पर 2 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया और यह 59.29 रुपये पर पहुंच गया। जबकि स्टॉक में कारोबार की शुरुआत मामूली बढ़त के साथ 58.24 रुपये पर हुई थी। इससे पहले सोमवार को स्टॉक 58.07 रुपये पर बंद हुआ था।

बीते कुछ महीनों से यह शेयर एक रेंज में फंसा हुआ है। बीते 6 महीने का रिटर्न देखें तो यह महज 7 फीसदी रहा है। जबकि एक साल का चार्ट देखें तो ​निवेशकों को 30 फीसदी ​का निगेटिव रिटर्न दिया है। हालांकि, लंबी अव​धि में यह एनर्जी स्टॉक मल्टीबैगर रहा है। 2 साल का रिटर्न 140 फीसदी, 3 साल का 600 फीसदी और 5 साल का 1850 फीसदी रहा है। सुजलॉन फिलहाल अपने 52 हफ्ते के हाई (85.80) से करीब 32 फीसदी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है।

First Published - September 16, 2025 | 11:07 AM IST

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