वाहन क्षेत्र में जीएसटी दरों में कटौती समेत कई सकारात्मक बदलावों के कारण विश्लेषक लंबी अवधि के नजरिये से इन कंपनियों के शेयरों पर उत्साहित बने हुए हैं। उनका मानना है कि निकट भविष्य में वाहन शेयरों में संभावित तेजी आ चुकी है। प्रधानमंत्री की जीएसटी संबंधी घोषणा के बाद से वाहन शेयरों में 7-18 फीसदी की तेजी आ चुकी है। हालांकि इस तेजी की वजह से मूल्यांकन कुछ हद तक असहज स्तर पर पहुंच गए हैं।
एचएसबीसी के विश्लेषकों का मानना है कि ये शेयर अल्पावधि में सीमित दायरे में बने रहेंगे। उनका कहना है, ‘जीएसटी में कटौती के कारण मांग में तेजी की उम्मीद में 15 अगस्त के बाद से भारतीय ऑटो शेयरों ने बेंचमार्क निफ्टी 50 से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। हमारे ईपीएस (प्रति शेयर आय) अनुमान में वृद्धि के बाद भी मौजूदा मूल्यांकन काफी मजबूत हैं और दीर्घावधि औसत से अधिक हैं।’
पिछले छह महीनों (15 सितंबर तक) में निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने बेंचमार्क और अन्य सेक्टर सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि एनएसई पर ऑटो इंडेक्स इस दौरान 30.2 फीसदी चढ़ा। इस बढ़त की वजह टीवीएस मोटर कंपनी (54.5 प्रतिशत), हीरो मोटोकॉर्प (49.85 प्रतिशत), अशोक लीलैंड (36.24 प्रतिशत), आयशर मोटर्स (35.60 प्रतिशत) और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (33.54 प्रतिशत) के शेयरों में भारी तेजी आना रही।
इसकी तुलना में निफ्टी 11.93 प्रतिशत बढ़ा है। यह तेजी काफी हद तक इस उम्मीद पर आधारित थी कि जीएसटी दरों में कटौती से वाहन क्षेत्र में मांग संबंधी सुधार हो सकता है। वाहन क्षेत्र जीएसटी संग्रह में 16 प्रतिशत और विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 49 प्रतिशत का योगदान देता है।
बिक्री और उत्पाद शुल्क में कमी के एक विश्लेषण से पता चलता है कि घरेलू यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री दो साल की अवधि में चार में से तीन बार 20 प्रतिशत से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़ती है जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री वृद्धि कुछ प्रतिशत अंकों से पीछे रहती है।
इनक्रेड इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आयकर दर में कटौती, वित्त वर्ष 2026 में ब्याज दरों में कमी और वित्त वर्ष 2027 में वेतन आयोग के लाभ जैसे आर्थिक अनुकूल घटनाक्रम को देखते हुए हम वित्त वर्ष 2026 में वाहन बिक्री के अनुमान को 275 आधार अंक तक बढ़ाकर 8.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 के लिए 670 आधार अंक बढ़ाकर 16.7 प्रतिशत कर रहे हैं।’
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि होगी। इसके बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) की बिक्री बढ़ेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि इसके अलावा, दुर्लभ मैग्नेट के निर्यात पर चीन का नीतिगत रुख और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ रणनीति जैसे अहम मसले बने हुए हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने बिक्री/आय में सुधार के बावजूद हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और आयशर मोटर्स के लिए ‘बेचें’ रेटिंग बरकरार रखी है। हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो की बाजार हिस्सेदारी में कमी और आयशर मोटर्स के महंगे मूल्यांकन से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यह रेटिंग बरकरार रखी गई है।
चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने भी आयशर मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प और मारुति सुजूकी की रेटिंग ‘घटाएं’ कर दी। लेकिन महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और अशोक लीलैंड के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।