किराये में बढ़ोतरी और समय से पहले मानसून आने से सुस्त पड़ा अंगूर का कारोबार अब सुधरता दिख रहा है। पिछले कई दिनों से दिल्ली की मंडियों में अंगूर की आवक काफी नीचे चली गयी थी पर अब इसकी आवक बढ़नी शुरू हो गई है।
कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली की मंडियों में अंगूर की आवक पिछले माह जहां 3 टन प्रतिदिन थी वहीं अब यह बढ़कर 4-5 टन प्रतिदिन तक पहुंच गई है। कारोबारियों ने बताया कि आवक बढ़ने से इसकी कीमतों में भी 10 से 15 फीसदी की कमी आई है।
एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर के अंगूर कारोबारियों ने बताया कि इस साल औसत से ज्यादा और समय से पहले से ही बारिश हो रही है। इसका असर यह हुआ कि बड़े पैमाने पर अंगूर दागी हो गए हैं और तो और किराये में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। बाजार को देखें तो इन सबके चलते इस बार के मानसून में अंगूर की आवक तकरीबन 60 फीसदी कम रही है।
हालांकि इसके कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि आने वाले महीनों में शादी और त्योहारों के चलते अंगूर की मांग तेजी से चढ़ेगी। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए मंडी में अंगूर की आवक बढ़ा दी गई है। विक्रेताओं का कहना है कि अगले माह तक दिल्ली की मंडियों में अंगूर की आवक 4 गुनी बढ़ जाएगी।
अंगूर के थोक विक्रेता रामकिशन ने बताया कि कर्नाटक से आने वाले हरे अंगूर और नासिक के अंगूर की आपूर्ति रुकी पड़ी है। आजादपुर मंडी में इसकी आवक 2 टन अंगूर के आसपास है। पिछले महीने इसकी आवक 1 टन के आस-पास थी। कीमत के बारे में एबीसी फ्रूट कंपनी के हरिशंकर ने कहा कि फिलहाल 4 किलोग्राम की पेटी की कीमत 140 से 145 रुपये है।
एपीएमसी के मुताबिक दिल्ली की मंडियों में अंगूर की कीमत इस समय लगभग 2600-2800 रुपये प्रति क्विंटल है। लेकिन पिछले माह इनकी कीमत 3200-3400 रुपये प्रति क्विंटल थी। दूसरे राज्यों में इसका मौजूदा भाव पिछले साल से कहीं ज्यादा है। आवक में कमी के चलते हरियाणा में अंगूर के दाम पिछले साल की तुलना में 55 फीसदी तक ज्यादा हैं।
कश्मीर से अंगूर की आवक रुक जाने के कारण पिछले महीने की तुलना में पंजाब में भी कीमतों में 150 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हिमाचल प्रदेश में तो अंगूर की कीमतें पिछले साल की तुलना में 400 फीसदी तक ज्यादा हैं। अभी देश के 34 हजार हेक्टेयर में अंगूर की खेती हो रही है, जबकि प्रतिवर्ष 10 लाख टन अंगूर का उत्पादन हो रहा है।