, पांच जुलाई
अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान समिति के संयोजक वीरेन नंदा ने भाषा को बताया कि मूलत: आदिवासी भाषा खडि़या की लेखिका रोज केरकेट्टा के कहानी संग्रह पगहा जोरी-जोरी रे घाटो को इस वर्ष का अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान प्रदान किया जायेगा। हालांकि, उन्होंने यह पुस्तक हिन्दी में लिखी है।
उन्होंने बताया कि केरकेट्टा की यह पुस्तक झारखंडी जनमानस खासकर नारी संवेदना की अभिव्यक्ति का अनूठा दस्तावेज है और इसमें आदिवासी समाज का प्रामाणिक एवं मर्मस्पर्शी चित्रण है। वह आदिवासी इलाकों में जाकर लिखने वालों में से नहीं हैं, बल्कि इसी समाज में पली बढ़ी होने के कारण आदिवासी समाज की अंतरात्मा और भावना की समझ रखती है।
उन्होंने बताया कि यह सम्मान नवंबर में मुजफ्फरपुर में आयोजित समारोह में दिया जायेगा, जिसमें एक प्रशस्ति पत्र, ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये की राशि, स्मृति चिह्न और अंग वस्त्र प्रदान किया जायेगा।
गौरतलब है कि प्रथम अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठित रचनाकार कृष्ण बलदेव वैद को प्रदान किया गया था।