गाम्बिया के बाद अब उज्बेकिस्तान में भी भारतीय कंपनी की दवा को बच्चों की मौत का जिम्मेदार बताया गया है। वहां की सरकार का आरोप है कि नोएडा की एक कंपनी के बनाए कफ सिरप से 18 बच्चों की मौत हो गई। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आरोप लगाया था कि एक अन्य […]
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वर्ष 2022 को नकदी की आसान उपलब्धता की समाप्ति वाला वर्ष माना जा सकता है। कम से कम अब तक तो ऐसा ही है। यही वजह है कि आने वाला वर्ष ऊंची ब्याज दरों और धीमी वैश्विक वृद्धि वाला होगा। भारत में भी विभिन्न चैनलों के जरिये आर्थिक नतीजों पर इसका असर पड़ेगा। थोड़ी बहुत […]
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मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गद्दे बेचने वाली शीला फोम द्वारा 2,000 करोड़ रुपये में अपनी प्रतिस्पर्धी कर्ल-ऑन का अधिग्रहण किए जाने की संभावना है। शीला फोम अपने ‘स्लीपवेल’ ब्रांड के तहत गद्दों की बिक्री करती है और वह इस सेगमेंट में प्रमुख कंपनियों की सूची में शामिल है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट के […]
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एक मीडिया लेखक के रूप में मेरे वार्षिक लेखाजोखा में आपका स्वागत है। यह वक्रोक्तियों की सूची है। उन्हें ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि भारत के 1,61,400 करोड़ रुपये के मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को कवर करना किस प्रकार एक व्यक्ति के बूते से बाहर की बात है। अप्रैल 2023 तक जब सभी […]
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वर्ष 2022 में आमतौर पर मुद्रास्फीति 6 फीसदी के स्तर के ऊपर ही रही है। यह मुद्रास्फीति के घोषित लक्ष्य की ऊपरी सीमा है। सरकार ने हाल ही में संसद में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें उसकी नाकामी की वजह बताई गई है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के […]
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घरेलू कृषि रसायन कंपनियों के मामले में निकट भविष्य की विभिन्न चुनौतियां निर्यातकों की तुलना में उनके प्रदर्शन को कम कर सकती हैं। हालांकि अधिक मांग और करेंसी की मजबूती से वृद्धि के मोर्चे पर निर्यात को मदद मिलनी चाहिए, लेकिन स्टॉक घटाने से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ सकता है। प्रभुदास लीलाधर […]
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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) म्युचुअल फंडों को क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप्स (CDS) में भागीदारी की अनुमति देने के लिए एक नए ढांचे पर विचार कर रहा है। यह नियामक द्वारा देश में मजबूत कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार विकसित किए जाने के प्रयासों का एक हिस्सा है। बाजार नियामक ने एक दशक पहले पेश ढांचे में […]
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दिसंबर के मध्य में अपने निचले स्तर के बाद से वाहन कलपुर्जा विनिर्माता महिंद्रा सीआईई ऑटोमोटिव का शेयर कारोबार में 13 प्रतिशत से अधिक बढ़त बना चुका है। इस लाभ में इन उम्मीदों से भी सुधार हुआ है कि लाभ पर ध्यान केंद्रित करने, भारतीय परिचालन में निरंतर वृद्धि और पूंजीगत दक्षता में सुधार से […]
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दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत सौंपी गई दबाव वाली इकाइयों का मूल्यांकन पहले ही बहुत खराब हो चुका है, ऐसे में स्वीकार किए गए दावों के साथ वास्तविक मूल्य की तुलना करना संभवतः समाधान प्रक्रिया की प्रभावशीलता का उचित संकेतक नहीं हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2021-22 की अपनी […]
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विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों ने वातावरण को प्रदूषित किया और यह उचित ही है कि वे गरीब देशों को संसाधन मुहैया कराएं जहां कार्बन आधारित वृद्धि अब व्यावहारिक नहीं है। दो जलवायु वित्त चैनल हैं जो निवेश क्षमता और निवेश की समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। द ग्लोबल एन्वॉयरनमेंटल, सोशल ऐंड […]
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