facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

कृषि रसायन निर्यातकों को घरेलू कंपनियों के मुकाबले बेहतर वृद्धि की उम्मीद

Last Updated- December 29, 2022 | 12:01 AM IST
Agro chemical exporters expect better growth than domestic companies
Creative Commons license

घरेलू कृषि रसायन कंपनियों के मामले में निकट भविष्य की विभिन्न चुनौतियां निर्यातकों की तुलना में उनके प्रदर्शन को कम कर सकती हैं। हालांकि अधिक मांग और करेंसी की मजबूती से वृद्धि के मोर्चे पर निर्यात को मदद मिलनी चाहिए, लेकिन स्टॉक घटाने से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ सकता है। प्रभुदास लीलाधर रिसर्च का मानना है कि पीआई इंडस्ट्रीज, सुमितोमो केमिकल्स और यूपीएल जैसी निर्यातोन्मुख कंपनियां निकट अवधि में शुद्ध रूप से घरेलू स्तर पर कारोबार करने वाली कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं, जिनमें धानुका एग्रीटेक, बेयर क्रॉपसाइंस भी शामिल हैं।

ब्रोकरेज के हिमांशु बिनानी कहते हैं कि कच्चे माल की गिरती लागत वाले परिदृश्य के साथ-साथ खरीफ सीजन से बिक्री के अधिक प्रतिफल और जेनेरिक खंड में मूल्य निर्धारण के दबाव के बीच अधिक लागत वाले स्टॉक के प्रावधानों से संबद्ध निकट अवधि की चुनौतियों से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ेगा। ब्रोकरेज का मानना है कि पिछले साल के बचे हुए बड़े स्टॉक और असमान बारिश के कारण खरीफ सीजन में कम उत्पाद परिसमापन की वजह से खास तौर पर कीटनाशक श्रेणी के लिए चैनल इन्वेंट्री अधिक बनी हुई है।

हालांकि चुनौतियां हैं, लेकिन निर्मल बांग रिसर्च को उम्मीद है कि फसलों के तहत आने वाले क्षेत्र में जोरदार वृद्धि, रसायन के दामों के साथ-साथ कंटेनर की दरों में गिरावट के कारण वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में भारत के फसल संरक्षण रसायन क्षेत्र में दोबारा उछाल आएगी। नवीनतम रुझानों के अनुसार प्रमुख ढुलाई सूचकांक में 77 से 90 प्रतिशत की गिरावट है। घरेलू क्षेत्र के वृद्धि कारकों में कृषि रसायनों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और मूल्य संवर्धित फसल सुरक्षा रसायनों की मदद के लिए शुल्क पुनर्गठन से संबंधित रियायतें शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: Rice Export: अप्रैल-अक्टूबर में बासमती, गैर-बासमती चावल का निर्यात 7.37 फीसदी बढ़कर 127 लाख टन पर पहुंचा

हालांकि वित्त वर्ष 23 में संपूर्ण क्षेत्र में 15 से 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज किए जाने की उम्मीद है, लेकिन इस क्षेत्र के निर्यातक 500 आधार अंक अधिक वृद्धि कर सकते हैं। क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय कहती हैं कि इस वित्त वर्ष में निर्यात राजस्व में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है, जबकि अमेरिकी डॉलर में अब तक लगभग नौ प्रतिशत की मजबूती आई है और वॉल्यूम बढ़ रहा है क्योंकि वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता का जोखिम कम कर रहे हैं।

First Published - December 28, 2022 | 7:54 PM IST

संबंधित पोस्ट