facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

Rice Export: अप्रैल-अक्टूबर में बासमती, गैर-बासमती चावल का निर्यात 7.37 फीसदी बढ़कर 127 लाख टन पर पहुंचा

चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर अंकुश के बावजूद कुल निर्यात का स्तर अबतक मजबूत बना हुआ है

Last Updated- December 28, 2022 | 6:20 PM IST
Rice Prices: Shortage in global supply, El Nino may set fire to rice prices
Creative Commons license

निर्यात की खेप पर रोक के बावजूद भारत के सुगंधित बासमती और गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह (अप्रैल-अक्टूबर) में 7.37 फीसदी बढ़कर 126.97 लाख टन हो गया। उद्योग जगत के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह निर्यात 118.25 लाख टन रहा था।

ऑल इंडिया एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा, ‘चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर अंकुश के बावजूद कुल निर्यात का स्तर अबतक मजबूत बना हुआ है।’ कुल निर्यात में बासमती चावल का निर्यात 2022-23 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान बढ़कर 24.97 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.59 लाख टन था।

सेतिया ने कहा कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान गैर-बासमती चावल का निर्यात पहले के 96.66 लाख टन से बढ़कर इस बार102 लाख टन हो गया। बासमती चावल को मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और सऊदी अरब के पारंपरिक बाजारों में भेजा गया, जबकि गैर-बासमती चावल का निर्यात बड़े पैमाने पर अफ्रीकी देशों को किया जाता है।

सितंबर में चावल की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और गैर-बासमती चावल पर 20 फीसदी सीमा शुल्क भी लगाया था। सेतिया ने कहा कि सीमा शुल्क लगाए जाने से गैर-बासमती चावल का निर्यात प्रभावित नहीं हुआ है। निर्यात का स्तर मजबूत रहा।

यह भी पढ़ें: उत्पादन प्रभावित होने के बीच मांग बढ़ने से गुड़ महंगा

सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया ताकि उत्पादन में संभावित गिरावट के कारण कीमतों में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाया जा सके। कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में धान का उत्पादन घटकर 10 करोड़ 49.9 लाख टन रह गया जो पिछले खरीफ सत्र में 11 करोड़ 17.6 लाख टन का हुआ था।

First Published - December 28, 2022 | 6:20 PM IST

संबंधित पोस्ट