facebookmetapixel
Stock Market Today: ट्रंप के बयान के बाद Gift Nifty में उछाल, कैसे रहेगी शेयर बाजार की चाल?Delhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्जStocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्टहाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण किया

वाहन उद्योग में सस्ते और प्रवासी मजदूरों के घायल होने का खतरा ज्यादा

ऑटोमेटिव कौशल विकास परिषद ने प्रेस शॉप आपरेटर के लिए कम से कम आठवीं कक्षा पास की शैक्षणिक योग्यता तय की है और इसे कुशल कार्य माना गया है।

Last Updated- November 27, 2023 | 12:29 AM IST
SIAM

वाहन उद्योग में सस्ते, अकुशल व प्रवासी मजदूरों के घायल होने का खतरा अधिक है जबकि कुशल, शिक्षित व ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों के घायल होने का खतरा अपेक्षाकृत कम है।

यह जानकारी सेफ इन इंडिया फाउंडेशन की रविवार को जारी हालिया रिपोर्ट ‘क्रश्ड’ के पांचवें सालाना अध्ययन में दी गई है। यह अध्ययन भारत के वाहन उद्योग में मजदूरों की सुरक्षा पर है।

रिपोर्ट के मुताबिक हर महीने दुर्घटनाओं में 8,000 रुपये प्रति माह कमाने वाले श्रमिकों को औसतन 2.34 उंगलियां खोनी पड़ीं जबकि 20,000 रुपये से अधिक कमाने वाले श्रमिकों को औसतन 1.6 उंगलियां खोनी पड़ीं।

मशीन के बीच दबने की उंगलियां आने की दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों को औसतन दो उंगलियां (2.01) खोनी पड़ीं। आय और दुर्घटना के प्रकोप के बीच सीधा संबंध है।

एसआईआईएफ के वरिष्ठ सलाहकार वीएन सरोजा ने इस रिपोर्ट को जारी करने के कार्यक्रम में कहा कि कम पारिश्रमिक व अकुशल प्रवासी मजदूरों को शरीर के अंग खोने का खतरा ज्यादा है। इसका कारण यह है कि कंपनियों ने इन श्रमिकों के प्रशिक्षण पर पर्याप्त निवेश नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर प्रवासी अशिक्षित मजदूर फैक्टरी में पावर प्रेस और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं होते हैं और उन्हें अत्यधिक हानि का सामना करना पड़ता है। प्रवासी अशिक्षित मजदूरों को ज्यादातर सरकारी नियमों की अवहेलना की स्थिति में काम करना पड़ता है।’

ऑटोमेटिव कौशल विकास परिषद ने प्रेस शॉप आपरेटर के लिए कम से कम आठवीं कक्षा पास की शैक्षणिक योग्यता तय की है और इसे कुशल कार्य माना गया है।

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वाहन क्षेत्र की हिस्सेदारी सात फीसदी से अधिक है। वाहन क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से 80 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 2.9 करोड़ श्रमिक कार्यरत हैं।

भारतीय ऑटोमोबाइनल निर्माताओं की सोसायटी (सायाम) का अनुमान है कि वर्ष 2026 तक भारत की जीडीपी में वाहन क्षेत्र का योगदान 12 फीसदी होगा और इसमें करीब 10.2 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष योगदान मिलेगा।

रिपोर्ट के अनुसार आधे से अधिक मामलों (57 फीसदी) में श्रमिक के घायल होने पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में फर्जी जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इससे कानूनी कार्रवाई के दौरान श्रमिक का मामला कमजोर पड़ जाता है।राजौरा ने बताया, ‘बड़े ब्रांड वाली कंपनियों की उत्पादन इकाइयों में दुर्घटनाएं होती हैं।

अमूमन आधी दुर्घटनाएं मशीनों के समुचित ढंग से काम नहीं करने के कारण होती हैं। ज्यादातर मामलों में नियोक्ता दुर्घटना के बारे में गलत सूचना मुहैया करवाता है। इन सभी के कारण श्रमिकों को मुआवजे के लिए दावा करना आसान हो जाता है।’

ज्यादातर दुर्घटना मामलों में ईएसआईसी का ई पहचान कार्ड बाद में मुहैया करवाया जाता है जबकि ईएसआईसी के नियम के अनुसार नौकरी के पहले दिन ही यह कार्ड मुहैया करवाया जाए।

First Published - November 27, 2023 | 12:29 AM IST

संबंधित पोस्ट