facebookmetapixel
सुष्मिता सेन की मां शुभ्रा सेन ने मुंबई में खरीदे दो लग्जरी अपार्टमेंट, ₹16.89 करोड़ में हुआ सौदाक्या सेल्फ एंप्लॉयड और गिग वर्कर्स को भी EPFO ​​पेंशन और PF कवर मिलेगा? जानें क्या है इसपर अपडेटपंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं घटीं, लेकिन मध्य प्रदेश नया हॉटस्पॉट बनकर उभराEMI आपकी आय का 35% पार कर जाए तो खतरा! एक्सपर्ट बता रहे हैं क्यों25% चढ़ सकता है Maharatna PSU स्टॉक, ब्रोकरेज ने कहा- ‘खरीदने का सही मौका’, वैल्यूएशन बढ़ियाफेड से रेट-कट की उम्मीद, सोना चढ़ा, चांदी उछली! निवेशकों को क्या करना चाहिए?1700% रिटर्न वाले केमिकल स्टॉक पर मोतीलाल ओसवाल ने शुरू की कवरेज, कहा- 25% रिटर्न संभव; BUY करेंSin Tax! सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला पर नया टैक्स, निर्मला सीतारमण ने पेश किया बिल; क्या है नया प्रस्ताव?चीनी मिलों में पेराई रफ्तार पकड़ने से बढ़ेगा उत्पादन, इंडस्ट्री ने 10 लाख टन अतिरिक्त निर्यात की मांगी अनुमतिसन फार्मा ने भारत में लॉन्च की ब्लॉकबस्टर दवा Ilumya, सोरायसिस के इलाज में मिलेगी बड़ी मदद

दफ्तर आना पसंद कर रहे हैं लोग: सर्वे

Last Updated- March 24, 2023 | 10:02 AM IST
Office
Shutter Stock

लिंक्डइन के एक शोध में बताया गया है कि लगभग 63 फीसदी भारतीय कर्मचारियों का मानना है कि कार्यालय गए बिना अगर वे घर से काम करेंगे तो उनके करियर पर कोई खासा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन, इतने ही कर्मचारियों का यह भी कहना है कि दफ्तर नहीं जाने पर उनके पेशेवर विकास को हानि पहुंच सकती है।

कम से कम 71 फीसदी भारतीयों को लगता है कि घर से काम करने के दौरान उन्हें अधिक कार्य करने की जरूरत है ताकि यह दिखाया जा सके कि वे अपने काम के प्रति गंभीर हैं।
दफ्तर जाने के प्रति कर्मचारियों में आए बदलाव के बारे में इस शोध से जानकारी मिलती है। जबकि वे पहले रोजाना दफ्तर जाने के लिए बाध्य थे। 78 फीसदी भारतीय कर्मचारियों का कहना है कि अब वे इसे अपनी मर्जी से करते हैं। वे आमतौर पर दफ्तर से काम करने के आदी होते हैं। 86 फीसदी लोगों ने कहा कि एक साल पहले की तुलना में अब वे काफी सकारात्मक महसूस करते हैं।

शोध में पाया गया कि ज्यादातर कर्मचारी इसे पसंद करते हैं जब उनका सहकर्मी बातचीत के लिए बिना बताए उनके डेस्क पर पहुंचता है। दफ्तरी भाषा में इसे डेस्क-बॉम्बिंग कहा जाता है।

भारत में कम से कम 62 फीसदी लोग डेस्क-बॉम्बिंग को तत्काल बातचीत करने का एक शानदार तरीका मानते हैं। भारत में अधिकांश यानी करीब 60 फीसदी युवा पीढ़ी के कर्मचारियों (जेन-जेड) ने डेस्क-बॉम्बिंग का अनुभव किया है और इसे उपयोगी पाते हैं।

लिंक्डइन इंडिया की मैनेजिंग एडिटर निराजिता बनर्जी कहती हैं, ‘जब दफ्तर से काम करने की बात आती है तो हम कर्मचारियों के रवैये में बदलाव देख रहे हैं। हालांकि, भारतीय कर्मचारी लचीले-काम के विकल्प के पक्ष में हैं। वे कार्यालय वापस जाने में भी अत्यधिक मूल्य पा रहे हैं क्योंकि यह कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने, सहयोग और टीम वर्क में सुधार करने और नए अवसरों की पहचान करने में योगदान देता है। अनौपचारिक बातचीत या चाय ब्रेक भी लंबे समय तक करियर ग्रोथ को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं अगर इसे सही इरादे के साथ किया जाता है।’

कार्य संतुलन

शोध में पाया गया कि लोग दफ्तर से घर के लिए समय पर निकलने के लिए तैयार रहते हैं और जब वे जाते हैं तो दूसरों को भी इसके बारे में बताते हैं। भारत में अधिसंख्य कर्मचारियों (60 प्रतिशत) का कहना है कि जब प्रबंधक स्पष्ट रूप से दफ्तर से चले जाते हैं तो कर्मचारियों को यह पता चल जाता है कि सही समय पर काम बंद कर घर जाया जा सकता है। कर्मचारी भी अपने कार्य सप्ताह में बदलाव कर रहे हैं और इसने कार्यालय में उनके अंतिम दिन को बदल दिया है।

सामाजिक संपर्क भी जरूरी

कर्मचारी अन्य साथियों से मिलने और एक टीम का हिस्सा बनने के लिए भी दफ्तर जाना पसंद कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि वे दफ्तर क्यों आएंगे, इस पर भारतीय कर्मचारियों ने तीन कारण गिनाए। उन्होंने कहा कि सबसे सामाजिक संपर्क (43 फीसदी) था, इसके बाद सहकर्मियों (42 फीसदी) के साथ अधिक कुशल बैठकें और निर्माण कार्य था।

First Published - March 24, 2023 | 9:42 AM IST

संबंधित पोस्ट