धान कटाई का सीजन जैसे-जैसे अंत की ओर बढ़ रहा है, पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आ रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में 15 सितंबर से पराली जलनी शुरू होती है और 30 नवंबर तक यह काम जारी रहता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) से 29 नवंबर तक के आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि में पंजाब में धान की पराली जलाने की केवल 5112 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले की 15 सितंबर से 29 नवंबर तक की तुलना में लगभग 53 प्रतिशत कम रहीं।
इसी तरह हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाएं लगभग समान प्रतिशत से घटकर 659 रह गईं। लेकिन इस बीच, मध्य प्रदेश पराली जलाने का नया गढ़ बन कर उभरा है, जहां 29 नवंबर तक 16,907 घटनाएं दर्ज की गईं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 3.3 प्रतिशत अधिक है। खास बात यह कि राज्य में इस साल धान की पराली जलाने की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। देश भर में लगातार प्रयासों के कारण पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 13 प्रतिशत की कमी आई है।