भारत का 2070 तक नेट Zero Carbon Emissions का लक्ष्य केवल इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के बल पर पूरा नहीं हो पाएगा। इसके लिए एथनॉल, सीएनजी, हाइड्रोजन, फ्लेक्स-ईंधन से चलने वाले और हाइब्रिड वाहनों पर भी विचार किया जाना चाहिए। Suzuki Motor Corporation के प्रतिनिधि निदेशक और प्रेसिडेंट तोशीहिरो सुजूकी ने यह कहते हुए ऑल्टरनेट फ्यूल की जरूरत पर जोर दिया।
भारत में दुनिया का नंबर एक वाहन विनिर्माता बनने की क्षमता
दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में Auto Expo 2023 के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए सुजूकी ने कहा कि भारत में दुनिया का नंबर एक वाहन विनिर्माता बनने की क्षमता है और छोटी कारों यानी हैचबैक की इसमें अहम भूमिका होगी। 2022 में भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा वाहन विनिर्माता बन गया था। इस दौरान देश में करीब 42.5 लाख कारें बनीं।
सुजूकी ने कहा, ‘भारत की बात करें तो मेरे हिसाब से ईवी अकेला जरिया नहीं हो सकता। भारत को कार्बन तटस्थ देश बनने की राह में आ रही चुनौतियां दूर करने के लिए ईवी कई उपायों में से एक है मगर इकलौता उपाय नहीं है। फ्लेक्स-ईंधन, हाइब्रिड, एथनॉल और हाइड्रोजन से चलने वाली कारों का भी इसमें अहम योगदान होगा।’ मारुति सुजूकी इंडिया में सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन की बहुलांश हिस्सेदारी है।
वर्ष 2021-22 में मारुति की बाजार हिस्सेदारी घटकर 43.38 फीसदी रह गई
वर्ष 2021-22 में मारुति की बाजार हिस्सेदारी घटकर 43.38 फीसदी रह गई। सुजूकी ने स्वीकार किया कि 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी बरकरार नहीं रख पाने की प्रमुख वजह एसयूवी को उतारने में देरी रही। भारत में पिछले कुछ वर्षों में एसयूवी की बिक्री सबसे ज्यादा बढ़ी है और इस श्रेणी में विभिन्न कार कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्द्धा भी देखी जा रही है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने 2022-23 में मारुति की तुलना में ज्यादा एसयूवी बनाए।
सुजूकी ने कहा, ‘एसयूवी सेगमेंट में मारुति की बाजार हिस्सेदारी 16 से 18 फीसदी है। मारुति की बाजार हिस्सेदारी घटने के पीछे यह प्रमुख कारण रहा है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। हम अपनी बाजार हिस्सेदारी वापस हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।’ फिलहाल एसयूवी सेगमेंट में तेजी देखी जा रही है, लेकिन देखना पड़ेगा कि इसके बाद कौन सा सेगमेंट तेजी से बढ़ेगा।
मारुति ने इलेक्ट्रिक एसयूवी कॉन्सेप्ट ‘ईवीएक्स’ से उठाया पर्दा
ऑटो एक्सपो के पहले दिन मारुति ने इलेक्ट्रिक एसयूवी कॉन्सेप्ट ‘ईवीएक्स’ से पर्दा उठाया। 60 किलोवाट की बैटरी वाला ईवीएक्स एक बार चार्ज करने पर 550 किलोमीटर तक सफर तय कर सकता है। हालांकि इस एसयूवी को बाजार में आने में भी 2 साल लग जाएंगे यानी 2025 में इसकी बिक्री शुरू होगी। भारत में तैयार होने वाले ईवीएक्स को वैश्विक स्तर पर बेचा जाएगा।
सुजूकी ने कहा, ‘दुनिया भर में सबका ध्यान ईवी पर है, लेकिन भारत में बिजली आपूर्ति की स्थिति को देखें तो देश में हाइब्रिड, फ्लेक्स-ईंधन आदि जैसे वैकल्पिक समाधान की जरूरत है।’ सुजूकी मोटर और मारुति सुजूकी भारत में ईवी उतारने की संभावना तलाश रही है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए वे पूरी तरह ईवी पर निर्भर नहीं रहेंगी।
उन्होंने कहा कि मारुति की ईवी जब बाजार में आएगी तो इसे लोग तेजी से अपनाएंगे। भारत अलग-अलग श्रेणी के ग्राहकों वाला व्यापक बाजार है। ऐसे में मारुति को सभी तरह के ग्राहकों की जरूरतें पूरी करने पर ध्यान देना होगा।
हैचबैक कारों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर सुजूकी ने कहा कि 1.4 अरब आबादी में से केवल 30 करोड़ लोग कारों का उपयोग करते हैं। ऐसे में छोटी कारों के लिए अब भी बहुत बड़ा बाजार है।
सुजूकी ने कहा कि छोटी कारों से कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन भी अपेक्षाकृत कम होता है। लंबे समय में भारत में छोटी कारों की वृद्धि की काफी संभावना है। सुजूकी मोटर और मारुति देश में छोटी कारों को व्यापक बाजार तक पहुंचाने का प्रयास करेगी। सुजूकी मोटर की करीब 50 से 60 फीसदी आय भारतीय कारोबार से आती है।
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