जिस सप्ताह नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ उसी समय भारत की शीर्ष तेल निर्यातक कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की तरफ से ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी घोषणा हुई।
ओएनजीसी ने कहा कि वह वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में 1 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना को कार्य रूप देने में जुटी है। ओएनजीसी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने कहा कि ओएनजीसी इस दशक के अंत तक अक्षय ऊर्जा में अपनी वर्तमान क्षमता 200 मेगावॉट से बढ़ाकर 10,000 मेगावॉट करना चाहती है।
सिंह ने कहा, ‘भारत में 2040 तक जीवाश्म ईंधन की मांग बढ़ती रहेगी मगर इसी दौरान हमें हरित ऊर्जा की दिशा में भी प्रयास तेज करना होगा। हमें इसलिए ऐसा करना होगा कि जीवाश्म ईंधन के परंपरागत इस्तेमाल के बीच हरित ऊर्जा के भी इस्तेमाल को बढ़ावा मिलता रहे।’
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार पहली बार इस साल निवेशक तेल उत्पादन से अधिक सौर ऊर्जा में निवेश करेंगे। आंकड़ों के आधार पर बात करें तो जीवाश्म ईंधन में होने वाले प्रत्येक 1 डॉलर निवेश के बदले लगभग 1.7 डॉलर अब स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में लगाया जा रहा है।
आईए के कार्यकारी निदेशक फतह बिरोल ने कहा कि पांच वर्ष पहले तक यह अनुपात 1-1 का था। इस वर्ष पूरी दुनिया में ऊर्जा क्षेत्र में 2.8 लाख करोड़ डॉलर निवेश का अनुमान है जिनमें लगभग 1.7 लाख करोड़ डॉलर स्वच्छ तकनीक में निवेश किए जाएंगे। यह रकम अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, नाभिकीय ऊर्जा, ग्रिड, भंडारण, कम उत्सर्जन करने वाले ईंधन, क्षमता सुधार और ताप पंपों पर खर्च की जाएगी। 1 लाख करोड़ डॉलर से कुछ अधिक रकम कोयला, गैस एवं तेल में जाएगी।
कुछ सरकारें स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी ले रही हैं। तेल क्षेत्र में भी पहले सरकारें रणनीतिक हिस्सेदारी लेती रही हैं। डेनमार्क ने कहा है कि वह पवन ऊर्जा परियोजनाओं में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। यह योजना सरकार और विपक्षी दलों के बीच 14 गीगावॉट क्षमता वाली पवन ऊर्जा क्षमता विकसित करने के सौदे का हिस्सा है।
फोर्ड- टेस्ला सौदा
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग बैटरी चार्ज करने की सुविधाओं के विकास पर पूरी तरह निर्भर है। ईवी चार्जर साझा करने को लेकर फोर्ड-टेस्ला के बीच हुआ समझौता इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति मानी जा सकती है। फोर्ड की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘अमेरिका और कनाडा में फोर्ड के ईवी ग्राहकों के लिए 12,000 से अधिक टेस्ला सुपरचार्जर सुलभ होंगे। 10,000 डीसी फास्ट चार्जर ब्लूओवल चार्जर इस तंत्र (नेटवर्क) का पहले से ही हिस्सा हैं। इससे फोर्ड के ईवी ग्राहकों के लिए फास्ट चार्जिंग तक पहुंच आसानी से सुनिश्चित हो जाएगी।‘
टेस्ला द्वारा तैयार एडेप्टर फोर्ड के कम्बाइंड चार्जिंग सिस्टम (सीसीएस) युक्त ईवी की पहुंच टेस्ला के सुपरचार्जर तक आसान कर देगा। 2025 में फोर्ड नॉर्थ अमेरिकन चार्जिंग स्टैंडर्ड (एनएसीएस) कनेक्टर लगे इलेक्ट्रिक वाहनों की पेशकश करेगी। ब्लूमबर्गएनईएफ के अनुमानों के अनुसार 2022 के अंत तक सार्वजनिक ईवी-चार्जिंग कनेक्टर की संख्या 27 लाख थी। पिछले साल हुए निवेश का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा अत्यंत तेज गति से चार्ज करने वाले चार्जरों (अल्ट्रा फास्ट चार्जर) के विनिर्माण में लगाया गया।
सौर ऊर्जा परियोजना पर बड़ा दांव
ऑस्ट्रेलिया से सिंगापुर तक जल के अंदर से सौर ऊर्जा पहुंचाने की 20 अरब डॉलर की महत्त्वाकांक्षी योजना एक बार फिर पटरी पर आती दिख रही है। अरबपति माइक कैनन-ब्रूक्स द्वारा सन केबल परियोजना की परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के बाद ये संभावनाएं जगी हैं। इस बारे में कैनन ब्रूक्स ने कहा, ‘हमारा सदैव मानना रहा है कि सन केबल सौर ऊर्जा ले जाने की संभावनाओं से परिपूर्ण है। हम यह भी जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के लिए इसके क्या मायने हो सकते हैं।‘
इस सौदे के बाद कैनन-ब्रूक्स और क्विनब्रूक इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स का उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में विशाल अक्षय ऊर्जा परियोजना पर नियंत्रण हो जाएगा। 4,200 किलोमीटर लंबे जल के अंदर से गुजरने वाले केबल के जरिये एशिया को बिजली के निर्यात की योजना पर प्रमुख निवेशकों के बीच विवाद हो जाने के बाद मामला बिगड़ गया था।
हरित हाइड्रोजन का विकास
अमेरिकी कंपनी पल्ग पावर ने फिनलैंड में तीन हरित हाइड्रोजन (ग्रीन हाइड्रोजन) संयंत्र लगाने की योजना तैयार की है। इन संयंत्रों की स्थापना पर 6 अरब डॉलर लागत आएगी। इस संबंध में कंपनी की तरफ से आए बयान में कहा गया कि वह पर्याप्त पूंजी जुटाने के लिए अपने वित्तीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी ने कहा कि वह विश्वसनीय पक्षों से भी ऊर्जा खरीदने के संबंध में ठोस आश्वासन लेने की तैयारी में है। इन परियोजनाओं के संबंध में 2025-26 तक निवेश के संबंध में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा।
कंपनी वैश्विक स्तर पर हरित हाइड्रोजन उत्पादन तंत्र तैयार कर रही है और अन्य संस्थानों सहित अमेरिकी ऊर्जा विभाग के ऋण कार्यक्रम कार्यालय से ऋण लेने का प्रयास कर रही है। कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि रणनीतिक साझेदारों एवं मूलभूत ढांचे में निवेश करने वाली इकाइयां लगातार परियोजना में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
फैशन कंपनियों से शुल्क
कपड़े की बरबादी रोकने के लिए नियामक कुछ खास उपायों पर विचार कर रहे हैं। इनके तहत फैशन कंपनियों को उत्पादन की मात्रा के आधार पर कुछ शुल्क का भुगतान करना होगा। कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, स्वीडन, नीदरलैंड्स और इटली में अलग से कुछ नियमों के प्रस्ताव दिए गए हैं। इन नियमों के तहत फैशन कंपनियों को टेक्सटाइल रीसाइकलिंग कार्यक्रमों के लिए वित्त मुहैया कराना होगा। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में भी ऐसे ही नियमों पर विचार हो रहा है।
एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ERP) पर केंद्रित इन योजनाओं के तहत ब्रांडों को उत्पादन पर फीस देनी होगी या पुनरावर्तन (रीसाइकलिंग) कार्यक्रमों चलाने के लिए रकम देनी होगी। कपड़ा के लिए ईपीआर कार्यक्रमों के समर्थकों को उम्मीद है कि इससे कपड़े का बेवजह जरूरत से अधिक उत्पादन नहीं होगा और इनसे रीसाइकलिंग में नवाचार बढ़ने के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद भी तैयार होंगे।