Ganesh Chaturthi: देशभर में आज बड़ी धूमधाम से बप्पा का आगमन हुआ और गणेश चतुर्थी से दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हुई। श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों और गाजे-बाजे के साथ अपने प्रिय बप्पा का स्वागत किया। इसी के साथ भगवान गणपति घरों और सार्वजनिक पंडालों में विराजमान हो गए। फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि भगवान गणेश के गुण हमें धन जुटाने और सही निवेश की शिक्षा देते हैं।
इन्वेस्ट आज फॉर कल के फाउंडर अनंत लाढा ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में गणेश जी के गुणों और अच्छे निवेश की आदतों के बीच समानताओं के बारे में बताया हैं। निवेशक इन्हें अपने वास्तविक जीवन में इस तरह लागू कर सकते हैं:
गणेश के वाहन चूहे का प्रतीक यह दर्शाता है कि छोटे निवेश भी समय के साथ बड़ा लाभ दे सकते हैं।
उदाहरण: कोई व्यक्ति अगर हर महीने केवल ₹2,000 का SIP किसी इक्विटी म्युचुअल फंड में शुरू करता है। मान लेते हैं कि उसको सालाना 12% रिटर्न मिलता है, तो 20 साल में उसका निवेश लगभग ₹20 लाख का बन सकता है। यह लगातार निवेश करने की शक्ति है—छोटे कदम बड़े परिणाम की ओर ले जाते हैं।
लाढा ने कहा, “चूहा एक छोटा प्राणी है, लेकिन वह लगातार काम करता है। इसका मतलब है कि छोटे निवेश से शुरुआत करना और नियमित निवेश करना जरूरी है। भले ही आप हर महीने थोड़ी ही राशि निवेश करें, समय के साथ यह बड़ा हो जाएगा। आप PPF या म्युचुअल फंड में SIP के जरिए शुरुआत कर सकते हैं। ये अच्छे रिटर्न देते हैं और समय के साथ एक बड़ा कॉर्पस बनाने में मदद करते हैं।”
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गणेश जी का बड़ा सिर ज्ञान और दूरदर्शिता का प्रतीक है। लाढा कहते हैं कि निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जोखिम और रिटर्न की अच्छी तरह जांच-पड़ताल करनी चाहिए।
उदाहरण: किसी लोकप्रिय IPO या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले, उसकी तुलना इंडेक्स फंड जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों से करें। 2021 के आईपीओ बज में कई नए निवेशकों ने पैसा गंवाया क्योंकि उन्होंने बुनियादी बातों के बजाय प्रचार पर ध्यान दिया। SEBI-रजिस्टर्ड सलाहकार से परामर्श करना या SEBI का इन्वेस्टर चार्टर इस्तेमाल करना ऐसी गलतियों से बचने में मदद कर सकता है।
गणेश जी का सूंड धैर्य का प्रतीक है और यह लंबी अवधि के निवेश की आवश्यकता को दर्शाता है।
उदाहरण: यदि आपने 2003 में Nifty 50 इंडेक्स में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो आज इसकी कीमत 20 लाख रुपये से अधिक होती। भले ही इस दौरान बाजार में कई बार गिरावट (2008, 2020)आईं। जो निवेशक लंबे समय तक निवेशित रहे, उन्होंने कंपाउंडिंग और बाजार में सुधार के माध्यम से लाभ उठाया।
लाढा ने कहा, “शेयर बाजार में शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आमतौर पर पॉजिटिव रिटर्न देता है। लंबी अवधि के निवेश से आप कंपाउंडिंग की पावर का लाभ उठा सकते हैं, जो समय के साथ आपकी संपत्ति बढ़ाने में मदद करता है। इक्विटी म्युचुअल फंड कई स्टॉक्स में निवेश करता है, जिससे जोखिम कम होता है। लॉन्ग टर्म में यह महंगाई को मात देते हुए बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।”
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गणेश जी के चार हाथ संतुलन और डायवर्सिफिकेशन का पाठ पढ़ाते हैं।
उदाहरण: 2020 में कोरोना महामारी के दौरान बाजार में गिरावट के समय, जिन निवेशकों के पास केवल इक्विटी थी, उनके पोर्टफोलियो का मूल्य आधा हो गया। लेकिन जिन्होंने अपने निवेश को सोना (जो उस साल 25% बढ़ा) और डेट फंड्स के साथ डायवर्स बनाया, उन्होंने नुकसान को कम किया। स्टॉक्स, बॉन्ड्स, गोल्ड और रियल एस्टेट में संतुलित मिश्रण रखने से कुल जोखिम कम होता है।
लाढा ने कहा, “इससे कुल जोखिम कम करने में मदद मिलती है। कभी-कभी जब इक्विटी बाजार बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता है, तो सभी पैसे केवल इक्विटी में निवेश करने का मन हो सकता है। लेकिन यह गलती हो सकती है, क्योंकि अचानक बाजार में गिरावट से बड़ा नुकसान हो सकता है।”
धैर्य के प्रतीक गणेश जी हमें संकट के समय भी शांति बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।
लाढा ने कहा, “शेयर बाजार समय-समय पर ऊपर-नीचे होता रहेगा, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आमतौर पर पॉजिटिव रिटर्न देता है। बाजार में गिरावट के दौरान दबाव में आकर बेचने से नुकसान हो सकता है। यह याद रखना जरूरी है कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव सामान्य है और बाजार समय के साथ फिर से उबर जाएगा।”
उदाहरण: मार्च 2020 में जब बाजार 35% गिरा, कई निवेशक डर के कारण बाहर निकल गए। लेकिन जो निवेशक म्युचुअल फंड में बने रहे, उन्होंने देखा कि बाजार एक साल के भीतर तेजी से उबर गया—जो इतिहास की सबसे तेज रैली में से एक थी। घबराकर बेचने से नुकसान पक्का हो जाता है; धैर्य संपत्ति बचाता है।
जैसे इस त्योहारी सीजन में परिवार अपने घरों में गणेश जी की मूर्तियां लाते हैं, लाढा कहते हैं कि निवेशक भी अपने पोर्टफोलियो में बुद्धिमानी और अनुशासन को आमंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “गणेश चतुर्थी केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है—यह याद दिलाने का भी अवसर है कि लगातार प्रयास, संतुलन और धैर्य समृद्धि की ओर ले जाते हैं।”