शेयर बाजार

2025 की उठापटक के बाद 2026 में क्या करें निवेशक? एक्सपर्ट्स ने बताया- ग्रोथ, रिस्क और टॉप सेक्टर पिक

कुल मिलाकर, 2025 बाजार के लिए एक कंसोलिडेशन और रिकवरी का चरण रहा, जिसने 2026 में संभावित स्थिर रिटर्न के लिए मजबूत आधार तैयार किया

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अंशु   
Last Updated- December 10, 2025 | 4:31 PM IST

Stock Market Outlook 2026: भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2025 किसी रोलर कोस्टर की तरह उतार-चढ़ाव भरा रहा। हाई वैल्यूएशन, कमाई में सुस्ती और अप्रत्याशित टैरिफ संबंधी घोषणाओं के चलते शुरुआत में बाजार में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई। हालांकि, बाद के महीनों में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने नए शिखर को भी छुआ। कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक सेंसेक्स 8.6 फीसदी ऊपर गया है। वहीं, निफ्टी 50 में साल 2025 में लगभग 10 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई। सोने–चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक तेजी से  मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो को सपोर्ट मिला और कंपनियों की दूसरी छमाही में सुधरती कमाई ने बाजार को स्थिरता प्रदान की। अब जब हम 2026 की ओर बढ़ रहे हैं, तो एक्सपर्ट्स एक सावधानीपूर्ण लेकिन उम्मीद भरे साल की ओर इशारा कर रहे हैं- जहां कंपनियों की कमाई, नीति समर्थन और घरेलू नकदी बाजार की नई दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

शुरुआत में गिरावट, अंत में मजबूती

साल 2025 में भारतीय इक्विटी बाजारों ने उतार-चढ़ाव भरा लेकिन अंततः मजबूत प्रदर्शन किया। श्रीराम एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर प्रतीक निगुडकर ने कहा, “साल की शुरुआत में बाजार में अच्छी-खासी गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण हाई वैल्यूएशन, कमाई में सुस्ती और अप्रत्याशित टैरिफ संबंधी घोषणाएं रहीं। साल के बाद के हिस्से में बेंचमार्क इंडेक्स कई मौकों पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचे, जिन्हें मजबूत घरेलू निवेश और सुधरती साइक्लिकल गति से समर्थन मिला। हालांकि यह बढ़त सभी सेक्टर्स और मार्केट-कैप कैटेगरी में एक जैसी नहीं थी।”

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लार्ज-कैप और कंज्यूमर शेयरों ने संभाला मोर्चा

कोटक एमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने बताया, “BSE मिडकैप इंडेक्स में मामूली 0.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। इसके मुकाबले सेंसेक्स 8.6 फीसदी ऊपर गया है। दूसरी तरफ, BSE स्मॉलकैप इंडेक्स में 6.6 फीसदी की गिरावट आई है। इससे साफ है कि 2025 में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव रहा है, जबकि लार्ज कैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

निगुडकर ने कहा, “बैंकों और आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों के नेतृत्व में लार्ज-कैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया, और बाद में जीएसटी कटौती से उपभोक्ता खर्च में आई तेजी के कारण कंज्यूमर सेक्टर भी इस बढ़त में शामिल हो गया।

मिड और स्मॉल कैप शेयरों का वैल्यूएशन हाई

मनीफ्रंट के को-फाउंडर और सीईओ मोहित गांग के मुताबिक, मिड और स्मॉल कैप के वैल्यूएशन अब भी ऊंचे बने हुए हैं, जहां इंडेक्स क्रमशः 30 और 32 गुना पीई पर कारोबार कर रहे हैं।

फाइनेंशियल्स और कंज्यूमर स्टेपल्स जैसे सेक्टर्स ने बढ़त में नेतृत्व किया, जबकि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण साइक्लिकल सेक्टर्स पिछड़ते रहे। मेटल, रियल एस्टेट और डिफेंस सेक्टर्स के शेयरों में भी बीच-बीच में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला।

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FIIs नेट सेलर्स रहे, SIP से मिला सहारा

कैपिटल फ्लो ने एक मिली-जुली तस्वीर पेश की। विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) साल के ज्यादातर हिस्से में नेट सेलर्स रहे, लेकिन इसी दौरान SIPs के माध्यम से खुदरा निवेशकों की भागीदारी मजबूत बनी रही, जिसने बाजार को एक स्थिर घरेलू सहारा मिलता रहा। मंथली SIP कलेक्शन अच्छी मात्रा में जारी रहे। नई इक्विटी की सप्लाई भी मजबूत रही, क्योंकि कई बड़े IPO आए और प्रमोटरों द्वारा शेयर बेचने का स्तर भी ऊंचा रहा।

2025 में सोने-चांदी में जोरदार तेजी

साल 2025 में सोने ने मजबूत प्रदर्शन किया, इसकी कीमत 55 फीसदी से ज्यादा बढ़ी और 4,000 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई। इसका कारण था, वैश्विक अनिश्चितता, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और सेंट्रल बैंकों की बड़ी खरीदारी। भारत में यानी डोमेस्टिक लेवल पर सोने की कीमतें 60 फीसदी बढ़ीं, जिसमें रुपया कमजोर होने का भी असर शामिल था।

इस साल चांदी ने सोने से भी बेहतर किया, और 100 फीसदी तक बढ़त दर्ज की। इसकी वजह थी सेफ-हेवन मांग, सप्लाई की कमी, और स्ट्रक्चरल मुद्दे, हालांकि इंडस्ट्रियल टैक्स से जुड़ी चुनौतियां बनी रहीं।

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2026 में सोने-चांदी की और बढ़ेगी चमक

कोटक एमसी ने अपने 2026 के लिए जारी अपने आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि साल 2025 में शानदार बढ़त के बाद सोना और चांदी 2026 में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इस तेजी के पीछे केंद्रीय बैंकों द्वारा की जा रही लगातार खरीदारी एक महत्वपूर्ण वजह है। शाह ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोना-चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की भी जगह देनी चाहिए।

निगुडकर ने कहा कि मल्टी-एसेट पोर्टफोलियो को कीमती धातुओं में आई तेजी से महत्वपूर्ण लाभ मिला, जिसमें सोना और चांदी कई वर्षों के हाई पर पहुंच गए। इससे रिटर्न में विविधता आई और ऐसे वर्ष में मल्टी-एसेट फंड्स के प्रदर्शन को सहारा मिला, जब इक्विटी रिटर्न सामान्यतः कमजोर रहे।

2026 में बाजार की दिशा कंपनियों की कमाई पर निर्भर

भारतीय कंपनियों की कमाई की रफ्तार साल 2025 में सुस्त रही। गांग ने बताया कि साल 2025 की शुरुआत में आय वृद्धि धीमी रही, लेकिन वर्ष के दूसरे हिस्से (H2) में इसमें सुधार के संकेत दिखे, जिन्हें सरकारी सुधारों, उपभोग में सुधार और नीतिगत ढील का समर्थन मिला।

निलेश शाह के अनुसार, अगले साल में शेयर बाजार की दिशा कंपनियों की कमाई पर निर्भर रहेगी। भारतीय कंपनियों से वित्त वर्ष 2026-27 में दोहरे अंक (double-digit) की कमाई बढ़त की उम्मीद है। यह बढ़त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर सकती है और इससे बाजार में निवेश का फ्लो मजबूत रहेगा।

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2026 में कैसी रहेगी बाजार की चाल?

हम 2026 में एक सतर्क लेकिन पॉजिटिव माहौल के साथ कदम रखने वाले हैं, जिसमें फेड द्वारा धीरे-धीरे दरों में कटौती की उम्मीद, ऊर्जा कीमतों का स्थिर रहना, रूस–यूक्रेन युद्ध के समाधान और टैरिफ संबंधी अनिश्चितताओं के खत्म होने जैसे पहलू शामिल हैं।

एक्सपर्ट्स निफ्टी 50 में 2026 के अंत तक और 5–12 फीसदी की बढ़त को लेकर आशावादी हैं, जिसके 28,500 से 29,300 अंकों तक पहुंचने की संभावना है। इसका प्रमुख सहारा आय वृद्धि, घरेलू नकदी और नीतिगत समर्थन से मिलने की उम्मीद है।

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंजप्शन, ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी से जुड़े सेक्टरों में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
  • आरबीआई की मौद्रिक ढील और सरकार द्वारा दिए जाने वाले राजकोषीय प्रोत्साहन से कैपेक्स और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिल सकता है।
  • जोखिमों में ग्लोबल महंगाई में उछाल, फेड द्वारा लिक्विडिटी कम करना, भू-राजनीतिक तनाव और खासकर ज्यादा वैल्यू वाले सेगमेंट में वैल्यूएशन करेक्शन शामिल हैं।

गांग ने कहा कि कुल मिलाकर, 2025 बाजार के लिए एक कंसोलिडेशन और रिकवरी का चरण रहा, जिसने 2026 में संभावित स्थिर रिटर्न के लिए मजबूत आधार तैयार किया। आय वृद्धि की गति और मजबूत घरेलू भागीदारी से बाजार को सहारा मिल सकता है। लंबी अवधि के निवेशक वैश्विक अस्थिरता के बीच भी स्थिर कैश फ्लो वाली क्वालिटी वाली कंपनियों पर फोकस करके लाभ उठा सकते हैं।


(डिस्क्लेमर: बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक समूह के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है।)

First Published : December 10, 2025 | 4:24 PM IST