प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट को राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) से अपना मुख्यालय स्थानांतरित करने की मंजूरी मिल गई है।
कंपनी अब सिंगापुर से अपना मुख्यालय भारत ला सकती है। इस मंजूरी के बाद कंपनी अगले कैलेंडर साल में बाजार में सूचीबद्ध होने के वास्ते अपना मसौदा दाखिल करने के एक कदम और करीब आ गई है। एनसीएलटी के प्रमुख पीठ ने 12 दिसंबर के अपने आदेश में कहा है, ‘प्रस्तुत तथ्यों और विमर्श खासकर संबंधित अधिकारियों के रुख और प्रस्तावित योजना के लिए सभी हस्तांतरित और हस्तांतरणकर्ता कंपनियों के सदस्यों और लेनदारों की स्वीकृति को ध्यान में रखते हुए योजना को मंजूरी देने में कोई बाधा नहीं दिखती है।’ पीठ ने प्रस्तावित विलय योजना को मंजूरी दे दी।
न्यायाधिकरण ने फ्लिपकार्ट के समूह ढांचे को चरणबद्ध तरीके से मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। योजना के तहत समूह की कई संस्थाओं का फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड में विलय किया जाएगा।
शुरू में सिंगापुर की अदालतों से मंजूरी मिलने के बाद फ्लिपकार्ट हेल्थ, फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस, मिंत्रा होल्डिंग्स, फ्लिपपे, क्विकरूट्स इंटरनैशनल और अन्य सहित सात हस्तांतरणकर्ता कंपनियों का पहले हस्तांतरित कंपनी में विलय किया जाएगा। इसके बाद, फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड का फ्लिपकार्ट इंटरनेट में विलय कर दिया जाएगा।
इस साल अप्रैल में फ्लिपकार्ट ने सिंगापुर से भारत में अपना मुख्यालय स्थानांतरित करने के लिए आंतरिक मंजूरी ले ली थी।
फ्लिपकार्ट के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था, ‘यह कदम स्वाभाविक है, जो हमारी होल्डिंग संरचना को हमारे मुख्य परिचालन, भारतीय अर्थव्यवस्था की विशाल क्षमता और भारत में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने की हमारी प्रौद्योगिकी और नवाचार-संचालित क्षमताओं के अनुकूल है।’
फ्लिपकार्ट का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली इकाई द्वारा फोनपे के बाद दूसरा आईपीओ होगा। फोनपे ने अक्टूबर 2022 में अपना मुख्यालय भारत स्थानांतरित किया था और इस साल सितंबर में गोपनीय प्री-फाइलिंग प्रक्रिया के माध्यम से आईपीओ मसौदा दाखिल किया था।