गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस समेत विपक्ष के पास विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करने का कोई उचित कारण नहीं है। उनके विरोध का मूल मुद्दा अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची में बनाए रखने का है। चुनाव सुधारों पर लोक सभा में चर्चा का समापन करते हुए शाह ने यह भी कहा कि हमारी नीति घुसपैठियों को ‘खोजने, मतदाता सूची से उनका नाम हटाने और देश से निकालने’ की है, जबकि कांग्रेस समेत विपक्ष की नीति घुसपैठियों को मान्यता प्रदान कर मतदाता सूची में डालने की है।’
शाह के बयान पर विरोध जताते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। गृह मंत्री ने अपने करीब डेढ़ घंटे के भाषण में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैंने अपने भाषण में नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी पर भी सवाल किए तब इन्होंने बहिष्कार नहीं किया। घुसपैठियों के सवाल पर भाग गए।’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष कितनी भी बार बहिष्कार करे ले, हम एक भी घुसपैठिये को देश में नहीं रहने देंगे।’
उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों को भारत में मतदान करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। जनसांख्यिकी में यह बदलाव बहुत बड़ा खतरा है। विपक्ष देश में घुसपैठ के लिए केंद्र से सवाल करता है। सरकार ने कई सीमावर्ती राज्यों में घुसपैठ रोकने के लिए बाड़ लगाने और सीमा को मजबूत करने का काम पूरा कर लिया है, केवल पश्चिम बंगाल अधूरा रह गया है, क्योंकि वहां की सरकार बाड़बंदी नहीं होने दे रही है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बताना चाहता हूं कि घुसपैठियों को बचाओगे तो भाजपा की जीत तय है। आप केंद्र पर सवाल कर रहे हो। आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं है? ये देश के भविष्य और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिहार की जनता ने चुनाव में महान फैसला दे दिया है और बंगाल भी यह करने जा रहा है।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कहा कि एक दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता उनसे हार का हिसाब मांगेंगे। संविधान निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची बनाने का पूर्ण अधिकार देता है तथा एसआईआर मतदाता सूची के शुद्धीकरण की प्रक्रिया है।
उन्होंने विपक्ष पर एसआईआर पर चार महीने से एक तरफा झूठ फैलाने और जनता को गुमराह करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने संवाददाता सम्मेलनों में मतदाता सूचियों में त्रुटियों की बात करते रहे हैं और निर्वाचन आयोग ऐसी गड़बड़ियों को दूर कर शुद्धीकरण के लिए ही तो एसआईआर कर रहा है।