विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आज देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के गुरुग्राम मुख्यालय में अपने कुछ अधिकारियों को तैनात किया ताकि उसके अंदरूनी कामकाज पर नजर रखी जा सके। साथ ही डीजीसीए ने हालिया संकट के बारे में जानकारी लेने के लिए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को भी गुरुवार को तलब किया है।
विमानन नियामक डीजीसीए ने इंडिगो के दैनिक कामकाज पर अंदरुनी नजर रखने के लिए दो विशेष टीम बनाई हैं। पहली टीम 8 सदस्यों वाली है जिसमें वरिष्ठ फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर शामिल हैं। वे विमान चालक दल के प्रबंधन की समीक्षा करेंगे।
दूसरी टीम दो वरिष्ठ अधिकारियों की है जो रिफंड जैसे यात्रियों से जुड़े मुद्दों पर नजर रखेगी। दोनों टीमों के सदस्यों को रोजाना इंडिगो के गुरुग्राम मुख्यालय में तैनात किया गया है। उन्हें हर दिन शाम 6 बजे तक डीजीसीए के दो संयुक्त महानिदेशकों को रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा गया है।
डीजीसीए ने अपने एक आदेश के तहत इंडिगो के सीईओ एल्बर्स को गुरुवार को 3 बजे नियामक के सामने पेश होने के लिए बुलाया है। उन्हें विमानन कंपनी की हालिया परिचालन संबंधी दिक्कतों के बारे में पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इंडिगो के सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बैठक में शामिल होने और एक पूरी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है।
डीजीसीए ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे देश भर के बड़े हवाई अड्डों पर तुरंत जाकर निरीक्षण करें। उसने कहा कि इन दौरों का मकसद सुरक्षा, परिचालन संबंधी तैयारी, पैसेंजर-हैंडलिंग के उपायों और हालिया संकट के दौरान इंडिगो की तत्परता का आकलन करना है। विमानन कंपनी को 9 दिसंबर तक नौ दिनों में 4,200 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।
इस महीने की शुरुआत तक इंडिगो रोजाना करीब 2,300 उड़ानों का संचालन कर रही थी। इसमें से करीब 2,000 उड़ान घरेलू मार्गों पर और 300 उड़ानें अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर संचालित किए जा रहे थे। मगर विमानन कंपनी पिछले महीने लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत अपने पायलट ड्यूटी रोस्टर तैयार करने में विफल रही जिससे उसका परिचालन संकट में फंस गया।
हालांकि कम फ्लाइट शेड्यूल के तहत अब इंडिगो का दैनिक कामकाज स्थिर हो गया है, लेकिन हालिया गड़बड़ी ने न केवल यात्रियों को बल्कि नियामक को भी परेशान कर दिया है।