JP Power: जयप्रकाश पावर वेंचर्स (जेपी पावर) के शेयरों में सोमवार को जोरदार तेजी देखने को मिली। कमजोर बाजार के बावजूद यह शेयर बीएसई पर 13% उछलकर ₹26.81 पर पहुंच गया, जो कई सालों में इसका सबसे ऊंचा स्तर है। यह स्मॉलकैप पावर जनरेशन कंपनी का शेयर मई 2013 के बाद अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर ट्रेड कर रहा है। पिछले सात ट्रेडिंग सेशंस में इस शेयर ने ₹18.67 (3 जुलाई 2025) से करीब 44% की तेजी दिखाई है। 7 मई 2025 को छुए गए इसके 52-हफ्ते के लो ₹12.6 के मुकाबले अब तक यह शेयर 113% की उछाल के साथ दोगुना से भी ज्यादा हो चुका है।
जेपी पावर में ट्रेडिंग वॉल्यूम औसतन दो गुना से ज्यादा बढ़ गया। NSE और BSE पर मिलाकर कुल 68.1 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ, जो कंपनी की कुल इक्विटी का 10% है। इसमें से 60.4 करोड़ शेयर NSE पर और 7.7 करोड़ शेयर बीएसई पर ट्रेड हुए।
जेपी पावर की प्रमोटर कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) है, जिसके पास 31 मार्च 2025 तक कंपनी में 24% हिस्सेदारी थी। बाकी 76% हिस्सेदारी अन्य निवेशकों के पास थी। इसमें से 38.85% शेयर रेजिडेंट इंडिविजुअल शेयरहोल्डर्स के पास हैं। बैंक जैसे कि ICICI बैंक, यूको बैंक और केनरा बैंक के पास मिलाकर 15.71% हिस्सेदारी है। इसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के पास 6.04%, नरेश चंद्र तलवार के पास 5.02% और कॉरपोरेट निकायों के पास 5.08% हिस्सेदारी है। यह जानकारी शेयरहोल्डिंग पैटर्न से मिली है।
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जेपी पावर का मानना है कि उसके शेयर की कीमत में जो भी उतार-चढ़ाव हो रहा है, वह पूरी तरह से बाजार से जुड़ी ताकतों पर आधारित है।
कंपनी ने 8 जुलाई को वॉल्यूम मूवमेंट को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “फिलहाल हमारे पास कोई भी ऐसी अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव जानकारी, घोषणा या कोई डेवलपमेंट नहीं है, जिसका असर शेयर की कीमत या वॉल्यूम पर पड़ सकता हो। अगर भविष्य में ऐसा कोई घटनाक्रम या जानकारी सामने आती है, तो हम उसे नियामकीय नियमों के तहत तत्काल स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित करेंगे।”
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी ग्रुप दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे है। अदाणी ग्रुप ने कम से कम ₹12,000 करोड़ की बिना शर्त बोली लगाई है।
अदाणी ग्रुप ने इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपर कंपनी को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है। अदाणी ग्रुप की पेशकश में ₹3,500 करोड़ की तत्काल नकद भुगतान शामिल है। इसके अलावा, डील के बाद कंपनी के भीतर ₹890 करोड़ बनाए रखने और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) से जुड़े विवादित जमीन मामले में ₹2,600 करोड़ की संभावित देनदारी को भी लेने की बात शामिल है।
इस बीच, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने जनवरी 2025 में अपनी रिपोर्ट में कहा कि जेपी पावर की प्रमोटर कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत है। हालांकि, एजेंसी को नहीं लगता कि JAL की CIRP प्रक्रिया का जेपीवीएल (JP Power Ventures) की बैलेंस शीट पर कोई बड़ा असर पड़ेगा। लेकिन इस प्रक्रिया का परिणाम एजेंसी के लिए निगरानी का अहम बिंदु बना रहेगा।
जेपी पावर ने वित्त वर्ष 2025 से 2027 के बीच ₹1,500 करोड़ का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) करने की योजना बनाई है। यह निवेश निग्री और बीना थर्मल पावर प्लांट्स में फ्लू-गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) यूनिट लगाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, कंपनी वित्त वर्ष 2025 से 2029 के बीच बंधा नॉर्थ कोल माइन पर ₹760 करोड़ खर्च करने की योजना भी बना रही है।
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इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने जनवरी 2025 की अपनी रेटिंग रिपोर्ट में कहा कि यह पूरा कैपेक्स कंपनी की आंतरिक आमदनी (internal accruals) से फंड किया जा सकता है। हालांकि, कंपनी इन दोनों परियोजनाओं को अपनी आंतरिक आमदनी के जरिए सफलतापूर्वक पूरा कर पाती है या नहीं, यह एजेंसी के लिए निगरानी का एक अहम पहलू रहेगा।
जेपी पावर ने अपनी वित्त वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में इस साल कई तरह के अवसर उभर रहे हैं। इसकी वजह बढ़ती बिजली की मांग, तेज तकनीकी प्रगति और स्वच्छ ऊर्जा की ओर सरकार का मजबूत समर्थन है। देश की पीक पावर डिमांड रिकॉर्ड 250 गीगावॉट तक पहुंच चुकी है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत और भी महत्वपूर्ण हो गई है। खासकर रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के बड़े अवसर बन रहे हैं।