जून 2025 की तिमाही में म्यूचुअल फंड कंपनियों ने शेयर बाजार में नई लिस्ट हुई कंपनियों यानी IPO में जमकर पैसा लगाया है। वेंचुरा नाम की एक ब्रोकिंग कंपनी की रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान म्यूचुअल फंड्स ने कुल ₹5,294 करोड़ से ज्यादा का निवेश सिर्फ नए IPO में किया। यह दिखाता है कि फंड हाउस अब ऐसे नए और छोटे बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में पैसा लगाने के लिए आगे आ रहे हैं, जिनमें भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाने की क्षमता है।
इनमें से ज्यादातर कंपनियां स्मॉलकैप कैटेगरी की हैं, यानी उनका साइज अभी छोटा है, लेकिन वे तेज़ी से बढ़ सकती हैं। सिर्फ HDB फाइनेंशियल सर्विसेज एक ऐसी कंपनी है जिसे मिडकैप यानी मध्यम आकार की कंपनी माना गया है। सबसे ज्यादा निवेश Ather Energy में हुआ, जिसमें म्यूचुअल फंड्स ने ₹1,351 करोड़ लगाए। इसके बाद HDB Financial Services में ₹1,331 करोड़ का निवेश किया गया। Schloss Bangalore में ₹679 करोड़, Aegis Vopak Terminals में ₹495 करोड़, Belrise Industries में ₹398 करोड़, Oswal Pumps में ₹387 करोड़, Ellenbarrie Industrial Gases में ₹357 करोड़, Kalpataru में ₹241 करोड़ और Sambhv Steel Tubes में ₹55 करोड़ का निवेश हुआ। इनमें से कुछ कंपनियों की लिस्टिंग जुलाई के पहले हफ्ते में हुई थी।
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कंपनी का नाम | कैटेगरी | निवेश राशि (₹ करोड़ में) |
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Ather Energy | स्मॉलकैप | ₹1,351 करोड़ |
HDB Financial Services | मिडकैप | ₹1,331 करोड़ |
Schloss Bangalore | स्मॉलकैप | ₹679 करोड़ |
Aegis Vopak Terminals | स्मॉलकैप | ₹495 करोड़ |
Belrise Industries | स्मॉलकैप | ₹398 करोड़ |
Oswal Pumps | स्मॉलकैप | ₹387 करोड़ |
Ellenbarrie Industrial Gases | स्मॉलकैप | ₹357 करोड़ |
Kalpataru | स्मॉलकैप | ₹241 करोड़ |
Sambhv Steel Tubes | स्मॉलकैप | ₹55 करोड़ |
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में देश की 20 सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों की 335 इक्विटी स्कीमों का प्रदर्शन देखा गया। नतीजे चौंकाने वाले थे, क्योंकि इनमें से 90% स्कीमों ने निफ्टी 50 TRI इंडेक्स से बेहतर रिटर्न दिया। यानी निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स से बेहतर कमाई हुई, जबकि निफ्टी थोड़ा कमजोर रहा। हालांकि, जब इन स्कीमों को उनके-अपने कैटेगरी बेंचमार्क से तुलना की गई, तो सिर्फ 41% स्कीम ही अपने बेंचमार्क को पछाड़ पाईं।
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Invesco Mutual Fund ने इस दौड़ में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। इसके 16 में से 13 फंड्स ने अपने बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न दिए। वहीं, Mirae, Kotak, Nippon, Edelweiss, Canara Robeco और Aditya Birla Sun Life जैसे फंड हाउसों की सभी स्कीमों ने निफ्टी को पछाड़ा। ICICI Prudential और Aditya Birla जैसे बड़े फंड हाउसों की सबसे ज्यादा स्कीमों ने निफ्टी को हराया।
इस तिमाही में सबसे ज़्यादा ग्रोथ स्मॉलकैप फंड्स में दिखी। रिपोर्ट बताती है कि स्मॉलकैप फंड्स का कुल निवेश 20% बढ़ा, जो सभी फंड कैटेगरी में सबसे ऊपर रहा। खास बात ये है कि पिछली तिमाही में स्मॉलकैप फंड्स सबसे नीचे थे, लेकिन अब निवेशकों का भरोसा फिर से इन हाई ग्रोथ कंपनियों पर लौट आया है। इसके बाद मिडकैप फंड्स में 17% और मल्टीकैप फंड्स में 16.5% की ग्रोथ दर्ज हुई। लार्ज एंड मिडकैप फंड्स में भी अच्छा पैसा आया और ये 14.8% बढ़े। सेक्टर और थीम पर आधारित फंड्स, जैसे मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस और इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़े फंड्स में भी 11.9% की बढ़त देखी गई।
दूसरी तरफ, फ्लेक्सी कैप, फोकस्ड और वैल्यू फंड्स की ग्रोथ 10 से 13.5% के बीच रही। परंपरागत और स्थिर माने जाने वाले फंड्स जैसे लार्जकैप, टैक्स सेविंग (ELSS) और डिविडेंड यील्ड फंड्स इस बार पीछे रह गए। इससे यह साफ होता है कि अब निवेशक ज्यादा जोखिम उठाकर ज्यादा मुनाफा कमाने वाले फंड्स में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि म्यूचुअल फंड्स किस सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं। सबसे ज्यादा पैसा अब भी प्राइवेट बैंकों में लगा हुआ है- करीब ₹4.66 लाख करोड़, जो टॉप 10 सेक्टर निवेश का 30% हिस्सा है। इसके बाद आईटी सेक्टर में 15% और फार्मा सेक्टर में 13.5% निवेश है। ये टॉप 3 सेक्टर पिछले कुछ समय से लगातार मजबूत बने हुए हैं।
हालांकि, सेक्टरों की रैंकिंग में कुछ बदलाव भी हुए हैं। टेलीकॉम सर्विसेस अब छठे नंबर पर आ गया है, जिसमें ₹88,368 करोड़ यानी करीब 5.8% हिस्सा है। इससे साफ है कि निवेशक अब डिजिटल ग्रोथ वाले सेक्टर की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा, ऑटो एंसिलरी सेक्टर पहली बार टॉप 10 सेक्टर की लिस्ट में शामिल हुआ है। इस सेक्टर में अब म्यूचुअल फंड्स का निवेश ₹69,631 करोड़ हो गया है, यानी 4.5% हिस्सा। इसके चलते हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेक्टर टॉप 10 से बाहर हो गया। पावर, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों में भी निवेश बना हुआ है, लेकिन उनकी रैंकिंग थोड़ी नीचे खिसक गई है।