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₹74 लाख करोड़ पहुंचा AUM! Mutual Fund में हुआ जबरदस्त बूम, जानें क्या खरीद रहे हैं निवेशक

पिछली तिमाही में घाटे के बाद अब ₹2.39 लाख करोड़ का जबरदस्त निवेश हुआ।

Last Updated- August 05, 2025 | 9:21 AM IST
Fund of Funds

भारत का म्युचुअल फंड सेक्टर अब ₹74.4 लाख करोड़ के AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) तक पहुंच गया है, जो पिछले 10 सालों में 7 गुना की जबरदस्त ग्रोथ है। यह जानकारी मोतीलाल ओसवाल म्युचुअल फंड की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है। म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में सबसे बड़ा हिस्सा अब भी इक्विटी फंड्स का है, जो कुल AUM का 59.94% है। डेट फंड्स का हिस्सा 26.53% है, जबकि हाइब्रिड फंड्स 8.28% योगदान दे रहे हैं। बाकी अन्य फंड्स 5.26% हिस्सेदारी रखते हैं।

इस तिमाही (जून 2025) में डेट फंड्स में ₹2.39 लाख करोड़ का नेट इनफ्लो (शुद्ध निवेश) हुआ है, जो पिछली तिमाही में हुए आउटफ्लो के उलट है। ये निवेश ज्यादातर कॉर्पोरेट बॉन्ड और कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी स्ट्रैटेजी में हुआ है, जो बदलती ब्याज दरों की वजह से संस्थागत निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। इस तिमाही में कुल ₹3.98 लाख करोड़ का निवेश हुआ, जिसमें से इक्विटी फंड्स में लगभग 64% हिस्सा ब्रॉड-बेस्ड फंड्स में गया, जबकि 31% निवेश आर्बिट्राज फंड्स में आया।

पैसिव इनवेस्टमेंट का उभरता दौर – अब कुल AUM का 17% हिस्सा

रिपोर्ट के अनुसार, पैसिव फंड्स (जैसे कि इंडेक्स फंड और ETF) का निवेशकों के बीच क्रेज़ लगातार बढ़ रहा है। अब ये कुल AUM का 17% हिस्सा हो चुके हैं। Q2 FY25 में पैसिव फंड्स में ₹36,000 करोड़ का निवेश हुआ, जबकि एक्टिव स्ट्रैटेजीज में ₹3.62 लाख करोड़ का। इक्विटी के भीतर ब्रॉड-बेस्ड पैसिव फंड्स ने 106% का योगदान दिया – यह दर्शाता है कि निवेशक अब बड़े इंडेक्स और ब्लूचिप फंड्स पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी में पैसिव बिजनेस के प्रमुख प्रतीक ओसवाल ने कहा, “पैसिव फंड्स अब पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं। ये सस्ते, आसान और मार्केट के अनुसार चलते हैं, इसलिए निवेशकों को खूब पसंद आ रहे हैं।”

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फ्लेक्सी कैप और स्मॉल कैप फंड्स की डिमांड हाई

एक्टिव ब्रॉड-बेस्ड फंड्स में ₹86,000 करोड़ का निवेश हुआ। इनमें सबसे आगे रहे:

  • फ्लेक्सी कैप फंड्स: ₹15,800 करोड़
  • स्मॉल कैप फंड्स: ₹12,000 करोड़
  • मिड कैप फंड्स: ₹10,800 करोड़

इन आंकड़ों से साफ है कि एक्टिव इनवेस्टर्स अब भी छोटे और मिड कैप से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं।

थीमैटिक फंड्स में उतार-चढ़ाव

इस तिमाही में थीमैटिक फंड्स से ₹2,400 करोड़ का नेट आउटफ्लो देखने को मिला, जबकि पिछली तिमाही में इनमें ₹8,400 करोड़ का इनफ्लो हुआ था। यानी निवेशकों का रुझान इस बार कुछ हद तक घटा है।

हालांकि, कुछ निश (विशिष्ट) थीम्स अब भी निवेशकों का ध्यान खींचने में सफल रहीं:

  • डिफेंस थीम फंड्स में ₹1,800 करोड़ का निवेश आया
  • टेक्नोलॉजी और बिजनेस साइकिल थीम्स ने मिलकर ₹1,400 करोड़ जुटाए

ये उतार-चढ़ाव यह दर्शाते हैं कि भले ही थीमैटिक इनवेस्टिंग लोकप्रिय हो, लेकिन यह पूरी तरह से मार्केट साइकिल और मैक्रो-इकनॉमिक बदलावों पर निर्भर रहती है। इसलिए इसमें निवेश करने से पहले सतर्कता ज़रूरी है।

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हाइब्रिड फंड्स: संतुलित रणनीतियों की बनी हुई है मांग

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स ने इस तिमाही में स्थिर प्रदर्शन किया। खासकर मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स, जिन्होंने इस कैटेगरी के कुल नेट इनफ्लो का 57% हिस्सा हासिल किया।

  • बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में ₹4,200 करोड़ का निवेश आया
  • इक्विटी सेविंग फंड्स ने ₹1,400 करोड़ जोड़े

इस दौरान म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 46 नए फंड ऑफर (NFOs) लॉन्च किए, जिनसे कुल ₹6,506 करोड़ जुटाए गए। हालांकि इन निवेशों का बड़ा हिस्सा सिर्फ 5 बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के पास गया, जिससे यह साफ है कि निवेशक अब भी टॉप फंड हाउसेज़ पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।

First Published - August 5, 2025 | 9:21 AM IST

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