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सोने-चांदी में निवेश पर मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड्स की अलग राह, कुछ ने घटाया दांव तो कुछ ने बढ़ाई हिस्सेदारी

विशेषज्ञों के अनुसार, मल्टी ऐेसेट एलोकेशन फंडों के परिसंपत्ति आवंटन में विविधता का रुझान मुख्यतः निवेश मॉडल और कर स्थिति में भिन्नता के कारण है

Last Updated- October 28, 2025 | 9:50 PM IST
Mutual Fund

सोने और चांदी की कीमतें जैसे-जैसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचीं, मल्टी-ऐसेट फंड मैनेजरों ने कमोडिटी में अपने निवेश के लिए अलग-अलग रास्ते अपनाए। पिछले साल बड़ी योजनाओं में से आधी ने सोने और चांदी में अपने निवेश घटाया जबकि कुछ ने तेजी की रफ्तार भुनाने के लिए अपने दांव बढ़ा दिए।

वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे बड़ी योजना आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड का सितंबर के अंत तक 10.5 फीसदी कमोडिटी में निवेश था जो नवंबर 2024 के 12.6 फीसदी के शिखर से कम है।

एसबीआई, निप्पॉन इंडिया, यूटीआई और व्हाइटओक कैपिटल की योजनाओं के कमोडिटी निवेश में भी पिछले एक साल में गिरावट आई है। हालांकि इसी अवधि में कोटक महिंद्रा, आदित्य बिड़ला सन लाइफ, डीएसपी और टाटा के मल्टी ऐेसेट एलोकेशन फंडों ने सोने और चांदी में निवेश बढ़ाया है। मल्टी ऐेसेट एलोकेशन फंडों का कमोडिटी आवंटन मुख्य तौर पर सोने और चांदी में होता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मल्टी ऐेसेट एलोकेशन फंडों के परिसंपत्ति आवंटन में विविधता का रुझान मुख्यतः निवेश मॉडल और कर स्थिति में भिन्नता के कारण है। केवल कुछ ही योजनाओं में फंड मैनेजर को सक्रियता के साथ चतुराई भरा निर्णय लेने की अनुमति है।

प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ विशाल धवन ने कहा, सोने में निवेश में बदलाव कई वजहों से हो सकता है। इनमें निवेश के मकसद के अनुसार न्यूनतम सीमा और अधिकतम सीमा से लेकर मांग-आपूर्ति और अनुमानित उचित कीमत के मुकाबले परिसंपत्ति की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर फंड मैनेजरों का परिसंपत्ति वर्ग के बारे में नजरिया शामिल है। परिसंपत्ति वर्ग की मौजूदा होल्डिंग का मार्क-टु-मार्केट असर भी एक कारक है। पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट जैसे अन्य परिसंपत्ति वर्गों का तुलनात्मक रुप से कम या अधिक मूल्यांकन भी सोने की होल्डिंग पर असर डाल सकते हैं।

आवंटन विभिन्न आंकड़ों और संकेतकों जैसे इक्विटी मूल्यांकन, विभिन्न निश्चित आय साधनों से मिलने वाले प्रतिफल और वस्तुओं के सापेक्ष मूल्यांकन का उपयोग करने वाले मॉडल से तय किए जाते हैं। ब्याज दर का पूर्वानुमान और आर्थिक वृद्धि संकेतक भी इनमें शामिल होते हैं।

सैमको मल्टी-ऐसेट फंड जैसी कुछ योजनाएं, सापेक्ष मूल्य की रफ्तार का भी ध्यान रखती हैं। सैमको म्युचुअल फंड के सीआईओ उमेश कुमार मेहता ने कहा, सैमको मल्टी ऐेसेट एलोकेशन फंड ने पिछले साल सोने में अपना आवंटन बढ़ाया, जो हमारे मॉडल-आधारित निवेश दृष्टिकोण की वजह से किया गया। इस मॉडल ने एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने में उल्लेखनीय तेजी की पहचान की, खासकर ऐसे समय में जब शेयर बाजार कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे।

सितंबर में इस योजना में अपने समकक्षों के मुकाबले सबसे अधिक 51 फीसदी आवंटन सोने में था। विविध परिसंपत्ति वर्ग में निवेश के कारण मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड अल्पावधि में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली प्रमुख फंड श्रेणी रही हैं। इन योजनाओं को अनिवार्य रूप से अपनी कुल राशि का कम से कम 10 फीसदी इक्विटी, डेट और कमोडिटी में निवेश करना होता है। हालांकि अधिकांश योजनाएं इक्विटी कराधान की पात्रता के लिए 65 फीसदी सकल इक्विटी निवेश बनाए रखती हैं। ये योजनाएं आमतौर पर उस समय इक्विटी आर्बिट्रेज का उपयोग करके शुद्ध इक्विटी आवंटन कम करती हैं, जब इक्विटी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं होती है।

कम इक्विटी निवेश और कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी के चलते तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन की वजह से हाल के महीनों में इस श्रेणी में निवेशकों की रुचि में भारी इजाफा हुआ है। इस श्रेणी में 2025 तक अब तक 8,80,000 से ज्यादा नए खाते जुड़ चुके हैं। हाइब्रिड श्रेणी में नए खातों की संख्या 47 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस अवधि में प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 36 फीसदी बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं।

First Published - October 28, 2025 | 9:43 PM IST

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