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महाराष्ट्र में बनी रहेगी शिंदे सरकार, SC ने कहा- ठाकरे को सीएम के रूप में अब नहीं किया जा सकता बहाल

Last Updated- May 11, 2023 | 1:07 PM IST
Shivsena Foundation Day Celebration

Maharashtra Political crisis: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर अध्ययन की जरूरत है कि क्या विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव से उनके अयोग्यता नोटिस जारी करने के अधिकार सीमित हो जाएंगे या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र में राहुल नार्वेकर स्पीकर हैं और अब शिवसेना के विधायकों पर उन्हीं को फैसला लेना है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना पार्टी का सचेतक नियुक्त करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को गैरकानूनी बताया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि सुनील प्रभु या भरत गोगावाले में से राजनीतिक दल का अधिकृत सचेतक कौन है।

उच्चतम न्यायालय ने कहा विधानसभा अध्यक्ष को केवल राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त सचेतक को मान्यता देनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई संचार नहीं था जिससे यह संकेत मिले कि असंतुष्ट विधायक सरकार से समर्थन वापस लेना चाहते हैं।

राज्यपाल ने शिवसेना के विधायकों के एक गुट के प्रस्ताव पर भरोसा करके यह निष्कर्ष निकाला कि उद्धव ठाकरे अधिकांश विधायकों का समर्थन खो चुके हैं।

कोर्ट ने साथ ही शिवसेना विधायकों के एक धड़े के उस प्रस्ताव को मानने के लिए राज्यपाल को गलत ठहराया जिसमें कहा गया कि उद्धव ठाकरे के पास बहुमत नहीं रहा।

उद्धव ठाकरे को झटका

न्यायालय ने कहा कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने सदन में बहुमत साबित होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

ठाकरे ग्रुप की ओर से तर्क

उद्धव ठाकरे ग्रुप की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल बी. एस. कोशियारी ने जून 2022 में तत्कालीन CM उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट का जो आदेश दिया था वह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। अगर आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो लोकतंत्र खतरे में पड़ेगा।

इससे पहले चीफ जस्टिस ने कहा था कि सत्तारूढ़ दल के विधायकों में मतभेद के आधार पर बहुमत साबित करने को कहना एक निर्वाचित सरकार के गिरने का कारण बन सकता है।

First Published - May 11, 2023 | 1:07 PM IST

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