देश भर में कोविड-19 के मामलों में ताजा वृद्धि का प्रमुख कारण Covid JN.1 variant को बताया जा रहा है, जो बहुत तेजी से फैल रहा है। इंसाकॉग वेबसाइट के मुताबिक इस समय पूर्वी क्षेत्र को छोड़ दें तो देश के ज्यादातर हिस्सों में जेएन.1 वेरिएंट के मामले आ रहे हैं। पूर्वी भाग में भी ओडिशा और पश्चिमी बंगाल में इस घातक वेरिएंट के मरीज मिले हैं। उत्तरी और पश्चिमी राज्यों के मुकाबले दक्षिणी राज्यों में जेएन.1 का प्रकोप अधिक है।
इंसाकॉग लैब में नमूनों की जांच से पता चला है कि पूर्वी भारत में बीते दिसंबर के अंतिम सप्ताह में कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों में 28.6 फीसदी जेएन.1 के थे। मासिक स्तर पर आने वाले आंकड़ों से पता चलता है कि बीते दिसंबर में जेएन.1 संक्रमण बहुत तेजी से फैला। इंसाकॉग के रविवार तक आए आंकड़ों के अनुसार जेएन.1 के 536 में से 503 मामले दिसंबर में कोविड पॉजिटिव मरीजों के नमूनों की जांच में सामने आए।
इंडियन सार्स-कॉव-2 जिनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकॉग) की जांच में देश में जेएन.1 का पहला मामला केरल में बीते साल 17 दिसंबर को मिला था। यहां तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम की रहने वाली 79 वर्षीय महिला का 8 दिसंबर को नियमित चेकअप के दौरान आरटी-पीसीआर पॉजिटिव सैंपल लिया गया था, जिसमें जेएन.1 की पुष्टि हुई। उसके बाद से रविवार सुबह तक इंसाकॉग की जांच में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जेएन.1 वेरिएंट के 536 मरीज मिल चुके हैं।
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जेएन.1 के सबसे अधिक 154 मामले केरल में मिले हैं, जबकि महाराष्ट्र में 111 और गुजरात में 76 मरीज सामने आए हैं। इसके बाद गोवा में 51, तेलंगाना और राजस्थान प्रत्येक में 32, आंध्र प्रदेश में 29, तमिलनाडु में 22, दिल्ली में 16, कर्नाटक में 8, ओडिशा में 3 और प्रश्चिम बंगाल में 2 मामलों की पुष्टि हुई है। यूं तो इंसाकॉग अपनी वेबसाइट पर ताजा आंकड़े पेश करने का दावा करता है, लेकिन इस वेबसाइट पर जेएन.1 वेरिएंट के दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक मिले मामले ही दिखाए जा रहे हैं।
ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड का यह नया वेरिएंट पूरब को छोड़ देश के लगभग सभी हिस्सो में फैल रहा है। इंसाकॉग द्वारा परिभाषित पूर्वी क्षेत्र में ओडिशा और पश्चिमी बंगाल भी जेएन.1 वेरिएंट के मामले मिले हैं। इंसाकॉग की लैब में पिछले साल के आखिरी सप्ताह में नमूनों की जांच से पता चला कि पूर्वी क्षेत्र में कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों में 28.6 फीसदी जेएन.1 वेरिएंट के थे। इससे पहले सप्ताह में यह आंकड़ा 25 फीसदी पर था।
देश का दक्षिणी हिस्सा अलग तस्वीर पेश करता है, जहां दिसंबर के आखिरी सप्ताह में जांच में मिले कोविड-19 के कुल सक्रिय मामलों में 100 फीसदी जेएन.1 वेरिएंट के थे। इनमें भी केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा। पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्र में भी जेएन.1 स्ट्रेन का असर बहुत ज्यादा देखने को मिला है। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में जांचे गए कोविड के कुल सक्रिय मामलों में जेएन.1 के 83.3 मामले उत्तरी क्षेत्र और 73.1 प्रतिशत मामले पश्चिमी क्षेत्र में सामने आए।
‘चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार Covid JN.1 variant ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट बीए.2.86 अथवा पाइरोला की अगली पीढ़ी का बहुत अधिक संक्रामक वेरिएंट है। जेए.1 की संक्रामकता के बारे में प्राइमस सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में पल्मोनरी ऐंड स्लीप मेडिसिन विभाग में वरिष्ठ सलाहकार अम्बरीश जोशी कहते हैं कि ओमिक्रॉन की तुलना में जेएन.1 वेरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है।
खास बात ये कि प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा दे सकता है। कोविड के बढ़ते मामलों के बारे में सीके बिरला अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट में परामर्शदाता तुषार तायल ने बताया कि मौजूदा समय में इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों के फैलने के लिए मौसमी परििस्थतियां अनुकूल बनी हुई हैं।