दादर के इंदू मिल में बन रहा भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक मार्च 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। कोरोना और चीन के बीच विवाद के कारण स्मारक तैयार होने में देरी हुई है। चीन में बनने वाली बाबा साहेब की प्रतिमा अब भारत में तैयार की जा रही है। यह स्मारक विश्व स्तर का पर सभी को प्रेरणा देने वाला होगा।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे , उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित राज्य के कई नेताओं ने डॉ. बी. आर. आंबेडकर को उनकी 132वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दादर स्थित इंदू मिल पहुंचे। इंदू मिल में तैयार हो रहा विश्व स्तरीय आंबेडकर स्मारक के अगले साल तक पूरे हो जाएगा।
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विविधांगी व्यक्तिमत्व के धनी थे। वंचित और उपेक्षित समाज के लोगों को उनका न्याय एवं हक़ मिलें, इसके लिए वे दिन-रात लड़े। मुंबई शहर यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की कर्म भूमि के रूप में पहचानी जाती है। यहीं पर ही उन्होंने शिक्षा हासिल की है और विश्व स्तर के नेतृत्व के रूप में वे यहीं से पहचाने जाने लगे।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का प्रेरणादायी कार्य नए पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए मुंबई दर्शन के तर्ज पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर टुरिजम सर्किट के लिए बस सेवा उपलब्ध होना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यह बहुआयामी व्यक्तिमत्व के धनि थे। उन्होंने दिखाए हुए रास्ते से ही हमारे देश का नाम विश्व में अग्रसर है।
सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से अनेक योजनाए नए से शुरू कर रहे है। उसके लिए राज्य सरकार 20-22 हजार करोड़ रुपये निधि खर्च भी कर रहा है। उन्होने बताया कि इंदू मिल स्थित विश्व स्तर का स्मारक जल्द ही पूरा करेंगे। बौध्दजन पंचायत समिति इमारत निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये की राशी उपलब्ध कराई जाएगी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारक को धन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 132वीं जयंति पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का कार्य अतुलनीय है, उन्होंने भारत को दिया हुआ सविधान यह अनमोल दान है। इंदूमिल स्थित स्मारक का काम तेजी से शुरू है। काम में आनेवाली बाधाओं के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री के साथ बैठक लेकर बाधाएं दूर की जाएगी। आगे साल भर में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का इंदू मिल स्थित स्मारक भी पूरा किया जाएगा। ऐसा स्मारक पूरे विश्व में नहीं होगा।
फडणवीस ने कहा कि लंदन स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जिस घर में रहें, वह घर महाराष्ट्र सरकार ने अपने कब्ज़े में लिया है और घर में संग्रहालय शुरू किया जायेगा।
महाराष्ट्र सरकार ने इंदू मिल में स्मारक के विकास की जिम्मेदारी 2013 में एमएमआरडीए को दी थी। स्मारक के निर्माण में हो रही देरी के बारे में दी गई जानकारी में एमएमआरडीए ने कहा कि चीन में बनने वाली प्रतिमा और कोरोना के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई है।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में एमएमआरडीए ने बताया कि ठेकेदार को 209 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट का अभी तक करीब 50 फीसदी निर्माण कार्य हो चुका है। जिस चबुतरे (प्लेटफॉर्म) पर बाबा साहेब की मूर्ति रखी जानी है उसका 6 फीसदी काम हुआ है।
स्मारक की मूल अवधारण के अनुसार अनुमानित लागत 763 करोड़ रुपये है। संशोधित संकलपना के अनुसार 1,089.95 करोड़ रुपये खर्च की स्वीकृति दी गई है। 23 नवंबर 2021 से अब तक कुल 209 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं।
आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। एमएमआरडीए की अधिकारिक साइड से प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारतरत्न डॉ. बी.आर आंबेडकर की 350 फीट ऊंची कांस्य आच्छादित प्रतिमा को 100 फीट ऊंचाई (कुल ऊंचाई 450 फीट) के आसन पर रखा गया है, जहां एक सर्पिल रैंप द्वारा पहुंचा जा सकेगा।
स्मारक बौद्ध स्थापत्य शैली का एक गुंबद है। 1000 क्षमता वाले ऑडिटोरियम, प्रदर्शनी हॉल, रिसर्च सेंटर, लेक्चर हॉल, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हॉल, मेडिटेशन सेंटर, परिक्रमा पथ, स्मारिका की दुकानें, प्रतीक्षालय, कैंटीन, प्रशासनिक कार्यालय, शौचालय, लैंडस्कैप्ड एरिया, गार्डन, पार्किंग आदि स्मारक का हिस्सा हैं। स्मारक को अप्रैल 2023 तक पूरा होना था।