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LIC ने नई पॉलिसी सरेंडर मानदंडों के तहत कमीशन स्ट्रक्चर में बदलाव किया, कमीशन की वापसी योजना नहीं

बीमा नियामक ने सरेंडर मूल्य मानदंडों में बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गया है।

Last Updated- November 11, 2024 | 10:41 PM IST
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सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने नए सरेंडर मूल्य मानदंडों के अनुसार अपने वितरकों के लिए कमीशन संरचना में बदलाव किया है, लेकिन अभी तक कोई कमीशन वापस लेने की योजना (क्लॉबैक) शुरू नहीं की गई है और इसे शुरू करने की कोई योजना भी नहीं है। शुक्रवार को कंपनी परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एलआईसी के प्रबंधन ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘हम इसे लागू करने नहीं जा रहे हैं (कमीशन की वापसी)। यह हमारे अनुभव पर निर्भर करता है, क्योंकि नई पॉलिसियां 1 अक्टूबर से लाई गई हैं। हम नए नियमों के मुताबिक पॉलिसियां बेच रहे हैं। इसलिए यह हमारे अनुभव पर निर्भर है और हमारा मानना है कि कमीशन की वापसी के प्रावधान लागू कने की कोई जरूरत नहीं होगी। एलआईसी में इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।’

बीमा नियामक ने सरेंडर मूल्य मानदंडों में बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गया है। नए मानकों के मुताबिक कंपनियों के लिए पॉलिसीधारकों को बढ़े विशेष सरेंडर मूल्य (एसएसवी) का भुगतान अनिवार्य होगा, अगर पॉलिसीधारक ने पूरे एक साल के प्रीमियम का भुगतान किया है।

इसके बाद सरकारी बीमाकर्ता ने सरेंडर मूल्य मानदंडों में बदलाव के कारण पॉलिसियों पर पहले साल का कमीशन 35 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि एलआईसी ने रिन्यूवल प्रीमियम चार्ज मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा संशोधित योजनाओं में न्यूनतम बीमित राशि भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। यह 1 अक्टूबर से लागू है।

एलआईसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, ‘कमीशन पुनर्गठित किया गया है, इसे घटाया नहीं गया है। पॉलिसी एजेंटों को पॉलिसी के पूरे वक्त के दौरान जो मिलता था, वह अभी भी मिलेगा। कुछ पुनर्गठन किया गया है, लेकिन कोई कमी नहीं की गई है, जैसा कि इस समय धारणा बनाई जा रही है।’

एलआईसी ने 1 अक्टूबर, 2024 को 32 पॉलिसियां पेश की हैं, जो संशोधित मानकों के मुताबिक हैं। इस समय एलआईसी की कुल 35 पॉलिसियां हैं। मोहंती ने कहा कि कमीशन की वापसी सक्षम बनाने वाला प्रावधान है, जिसे एलआईसी ने माना है, लेकिन इसे हाल फिलहाल में लागू करने की कोई योजना नहीं है।

First Published - November 11, 2024 | 10:41 PM IST

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