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डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए बनेगा दुनिया का पहला IDPIC, बैंकिंग सुरक्षा में आएगा बड़ा बदलाव

आईडीपीआईसी सर्वाधिक महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है और ऐसा कुछ है जिसे दुनिया में किसी ने कभी प्रयास नहीं किया है

Last Updated- November 18, 2025 | 10:35 PM IST
SBI Chairman CS Shetty
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन  सीएस शेट्टी | फाइल फोटो

देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य को बदलने में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की तरह एक समर्पित इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी  भारतीय डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस निगम (आईडीपीआईसी) बनाने की योजना पर काम चल रहा है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन  सीएस शेट्टी ने मुंबई में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि यह संस्था बैंकों और अन्य वित्तीय क्षेत्र के भागीदारों के बीच रीयल टाइम में खुफिया जानकारी साझा करने में सक्षम बनाएगी ताकि डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ ग्राहकों की सुरक्षा को मज़बूत किया जा सके।

आईडीपीआईसी सर्वाधिक महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है और ऐसा कुछ है जिसे दुनिया में किसी ने कभी प्रयास नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें इसमें सफलता मिल सकती है और धोखाधड़ी तथा जोखिम प्रबंधन के लिए इस साझा डिजिटल बुनियादी ढांचे को राष्ट्रीय वित्तीय ग्रिड के साथ भी जोड़ा जा सकता है।’

खबरों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंक आईडीपीआईसी में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदेंगे, जिसकी अधिकृत पूंजी 500 करोड़ रुपये और चुकता पूंजी 200 करोड़ रुपये होगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस परियोजना को अपनी मंज़ूरी दे दी है।

शेट्टी ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय वित्तीय ग्रिड बना सकते हैं जो सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं क्रेडिट ब्यूरो, ई-केवाईसी सुविधाएं, यूपीआई और अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क को जोड़ेगा। एमएसएमई को बैंक ऋण तेज़ी से बढ़ रहा है लेकिन छोटे उद्यमों और छोटे व्यवसायों की मांग अभी भी पूरी नहीं हो पा रही है।’ अनौपचारिक बैंकिंग या वित्तीय क्षेत्र में कई लोग उनकी जरूरतें पूरी कर रहे हैं मगर हमें उन्हें भी इसमें शामिल करने की दरकार है।’

‘यह डिजिटल समेकित फुटप्रिंट किसी भी बैंक, एनबीएफसी या बीमाकर्ता को मान्य डेटा तक पहुंचने और ऋण की पात्रता का तुरंत आकलन करने में सक्षम बनाएगा। मुझे लगता है कि यह एमएसएमई के कर्ज को संबंध-आधारित से डेटा-आधारित, रीयल-टाइम अंडरराइटिंग में बदल देगा, जिससे दुनिया भर के करोड़ों उद्यमियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे। मुझे लगता है कि इसके लिए हमें चार ‘आई’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है – इन्फ्रास्ट्रक्चर, इन्क्लूजन, इनोवेशन और इंटेलिजेंस।’

उन्होंने कहा कि एसबीआई ने एमएसएमई ऋण के लिए बिजनेस रूल इंजन की शुरुआत की है, जो जीएसटी, आईटी और खाता विवरणों के डेटा को एकीकृत करता है और किसी उद्यम के लिए वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान करता है और यह सब 10 से 15 मिनट के भीतर हो जाता है।

First Published - November 18, 2025 | 10:35 PM IST

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