वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जमा करने के लिए धन निकासी के बीच चालू वित्त वर्ष में पहली बार मंगलवार को भारित औसत ओवरनाइट कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) भारतीय रिजर्व बैंक की 5.5 प्रतिशत की नीतिगत रीपो रेट से ऊपर चली गई।
भारित औसत कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) पिछले 5.48 प्रतिशत के मुकाबले 5.62 प्रतिशत पर रही। भारित औसत ओवरनाइट टीआरईपीएस (त्रिपक्षीय रीपो) रेट सोमवार के 5.51 प्रतिशत के मुकाबले 5.69 प्रतिशत पर रही। रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि सोमवार को बैंकिंग प्रणाली में 2.39 लाख करोड़ रुपये अधिशेष नकदी थी, जो बैंकों की शुद्ध मांग और समय देनदारियों (एनडीटीएल) का लगभग 1 प्रतिशत है। बैंकिंग व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी हटाने के लिए केंद्रीय बैंक वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी कर रहा है। डब्ल्यूएसीआर मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य है और केंद्रीय बैंक इसे नीतिगत रीपो रेट के आसपास रखने का लक्ष्य रखता है।
रिजर्व बैंक ने कहा था कि उसका लक्ष्य नकदी अधिशेष को एनडीटीएल के 1 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखना है। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि वर्तमान में शुद्ध मांग और समय देनदारियों (एनडीटीएल) के लगभग 1 प्रतिशत के आसपास अतिरिक्त नकदी है। इसकी वजह से निकट भविष्य में वीआरआरआर नीलामी की संभावना कम है। डीलरों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक सरकारी खर्च में वृद्धि के बाद अगस्त के पहले सप्ताह में बीआरआरआर नीलामी फिर से शुरू कर देगा। एक प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘जीएसटी की धन निकासी के कारण ओवरनाइट मनी मार्केट रेट बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘नकदी एनडीटीएल के करीब 1 प्रतिशत के बराबर है। इसका मतलब है कि फिलहाल और वीआरआरआर की आवश्यकता नहीं है। रिजर्व बैंक अगले महीने की शुरुआत में सरकारी खर्च शुरू होने पर वीआरआरआर नीलामी करा सकता है।’
एक अन्य प्राइमरी डीलरशिप के डीलर ने कहा, ‘अगर रिजर्व बैंक वीआरआरआर नीलामी करता है तो व्यवस्था में नकदी कम होगी, जिसका बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा।’
शुक्रवार को रिजर्व बैंक को 7 दिन के वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी में 2.07 लाख करोड़ रुपये की बोली मिली थी, जबकि अधिसूचित राशि 2 लाख करोड़ रुपये थी। डीलरों ने कहा कि इसी दिन पहले की नीलामियों की मेच्योरिटी थी और बैंकों ने अपना फंड नई नीलामी में लगा दिया था। रिजर्व बैंक जून के अंतिम सप्ताह से वीआरआरआर नीलामियां करा रहा है।