वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले चरण के सुधार सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल होंगे। वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि सुधार के अगले चरण में डिजिटल ढांचे के साथ ही उत्पादन में भूमिका निभाने वाले सभी कारक शामिल किए जाएंगे। सीतारमण ने डिटिजल ढांचे की भूमिका पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोई भी देश इसके बिना आवश्यक गति से विकास के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता।
वित्त मंत्री ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऐंड कॉमर्स ऑफ इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा ‘विकसित भारत 2047’ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, ‘अगले चरण में होने वाले सुधारों में उत्पादन में अहम भूमिका निभाने वाले सभी कारकों पर विचार किया जाएगा। बात चाहे भूमि, श्रम या पूंजी किसी की भी हो, सभी को प्राथमिकता दी जाएगी। मैं इनमें एक चीज और जोड़ना चाहूंगी जो उत्पादन के लिए जरूरी परंपरागत कारक नहीं माना जाता है, वह है डिजिटल आधारभूत ढांचा।’
इससे पहले सीतारमण ने स्टार्टअप और वित्त तकनीक क्षेत्र की इकाइयों के प्रमुखों के साथ भी बैठक की थी। इस क्षेत्र की चिंताएं दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने यह बैठक बुलाई थी। वित्त मंत्री ने इस क्षेत्र के प्रतिनिधियों को लगातार नवाचार करने और नियमों में हो रहे संशोधनों को भी ध्यान में रखने के लिए कहा।
सीतारमण ने कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि डिजिटल ढांचे में छोटे स्तर से निवेश की शुरुआत कर इसे व्यापक स्तर पर ले जाने का कितना फायदा मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत उत्पादन से जुड़े एक-एक पक्ष को दमदार बनाते हुए आगे बढ़ा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि जी 20 सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों ने डिजिटल मोर्चे पर भारत द्वारा किए गए प्रयासों और इनसे मिलने वाले लाभों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘आधुनिक दौर में डिजिटल ढांचे की अहमियत बढ़ गई है। बिना इसके अब उत्पादन को गति देना संभव नहीं रह गया है। डिजिटल ढांचा विकसित होने से उन लोगों को भी काफी मदद मिल रही है जो तेज गति से प्रगति करना चाहते हैं।’
वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से निवेश प्रक्रिया में गति लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी निवेशक काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को तेजी से आगे बढ़कर संयुक्त उद्यम के लिए बड़े साझेदार तलाशने चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारत में विदेश से निवेश इसलिए आ रहे हैं क्योंकि यहां संभावनाएं हैं। भारतीय उद्योग जगत को भी निवेश से पीछे नहीं रहना चाहिए और बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए।’
सरकार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और नवाचार में निवेश पर भी ध्यान दे रही है। सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र, सेमीकंडक्टर, मूल्यवान रत्न के भंडारण के लिए नीतिगत समर्थन देने पर भी ध्यान दे रही है।
सीतारमण ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की बात करें तो लॉजिस्टिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर भी सरकार ध्यान दे रही है।