facebookmetapixel
47% चढ़ सकता है सर्विस सेक्टर कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने BUY रेटिंग के साथ शुरू की कवरेजGroww Q2 Results: दमदार तिमाही से शेयर 7% उछला, मुनाफा 25% बढ़ा; मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ के पारNifty-500 में रिकॉर्ड मुनाफा, लेकिन निफ्टी-100 क्यों पीछे?Sudeep Pharma IPO: ग्रे मार्केट में धमाल मचा रहा फार्मा कंपनी का आईपीओ, क्या निवेश करना सही रहेगा?Smart Beta Funds: क्या स्मार्ट-बीटा में पैसा लगाना अभी सही है? एक्सपर्ट्स ने दिया सीधा जवाबपीएम-किसान की 21वीं किस्त जारी! लेकिन कई किसानों के खाते खाली – आखिर वजह क्या है?Gold and Silver Price Today: सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर दोनों के भाव फिसलेक्रिप्टो पर RBI की बड़ी चेतावनी! लेकिन UPI को मिल रही है हाई-स्पीड ग्रीन सिग्नलभारत और पाकिस्तान को 350% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी: ट्रंपजी20 विकासशील देशों के मुद्दे आगे बढ़ाएगा: भारत का बयान

MF vs FPI: मेटल और पावर यूटिलिटीज पर MFs बुलिश, FPIs ने ऑयल और आईटी शेयरों से की ताबड़तोड़ बिकवाली

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के एक एनालिसिस से पता चलता है कि म्युचुअल फंड्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक दोनों ने सबसे ज्यादा निवेश कंज्यूमर पर फोकस करने वाले सेक्टर्स में किया

Last Updated- September 28, 2025 | 6:41 PM IST
Mutual Fund vs FPI

MF vs FPI ownership trends: पिछले एक साल में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) भारतीय शेयरों के नेट सेलर रहे हैं और उन्होंने अपने कुल AUC यानी एसेट अंडर कस्टडी का लगभग 2.5% हिस्सा बेच दिया है। इसके विपरीत, म्युचुअल फंड्स (MFs) नेट बायर्स रहे हैं और उन्होंने अपने AUC में लगभग 12% का इजाफा किया है। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के एक एनालिसिस से पता चलता है कि म्युचुअल फंड्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक दोनों ने सबसे ज्यादा निवेश कंज्यूमर पर फोकस करने वाले सेक्टर्स में किया है, जबकि फाइनैंशियल और निवेश-संबंधित सेक्टर्स में उनकी हिस्सेदारी सबसे कम रही है।

MFs और FPIs का कंज्यूमर सेक्टर्स पर फोकस

सितंबर 2018 से, म्युचुअल फंड्स (MFs) और विदेशी निवेशकों (FPIs) दोनों ने ऑटो, फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर सर्विसेज जैसे उपभोक्ता-केंद्रित सेक्टर्स में निवेश को प्राथमिकता दी है। जबकि फाइनैंस, कैपिटल गुड्स और पावर यूटिलिटीज सेक्टर्स में सबसे कम निवेश देखा गया है। वहीं, आईटी सर्विसेज, केमिकल और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स में म्युचुअल फंड्स और विदेशी निवेशकों की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजीज में अंतर देखा गया है।

Also Read: GST रेट कट के बाद कंजम्प्शन थीम पर अगले हफ्ते खुल रहे दो नए फंड; क्यों है खास? किसे करना चाहिए निवेश

MFs ने मेटल और यूटिलिटीज में की जोरदार खरीदारी

म्युचुअल फंड्स ने लगातार भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ाया है और पिछले साल अपने कुल AUC में लगभग 12% का इजाफा किया है। म्युचुअल फंड्स ने मेटल और माइनिंग, पावर यूटिलिटीज, ऑयल एंड गैस, एफएससीजी, रियल एस्टेट और आईटी सर्विसेज सेक्टर्स में जोरदार खरीदारी की है। वहीं, केमिकल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑटो और अन्य सर्विसेज सेक्टर्स में कम खरीदारी हुई।

FPIs ने ऑयल, आईटी और पावर में की तेज बिकवाली

वहीं, दूसरी तरफ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय शेयरों के नेट सेलर रहे हैं और उन्होंने अपने कुल AUC का लगभग 2.5% हिस्सा बेच दिया। सबसे ज्यादा बिकवाली ऑयल एंड गैस, आईटी सर्विसेज, पावर यूटिलिटीज, सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर्स में देखी गई। इस बीच, केमिकल्स, टेलीकॉम और सर्विसेज सेक्टर्स में विदेशी निवेशकों ने कुछ खरीदारी भी की।

Also Read: DSP MF का नया Nifty 500 FlexiCap Quality 30 ETF क्यों है खास? जानें किस स्ट्रैटेजी पर और कहां लगेगा पैसा

FPI का रुझान बदलने से इन सेक्टर्स को होगा फायदा

एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में बिक्री का दौर अब लगभग खत्म हो गया है।

  • अभी FPI का निवेश बाजार पूंजीकरण के हिसाब से -1 स्टैंडर्ड डिविएशन पर है।
  • भारतीय शेयर अब इमर्जिंग और डिवेलप्ड मार्केट्स के मुकाबले महंगे हैं, लेकिन मजबूत कमाई और अच्छी आर्थिक स्थिति के कारण सुरक्षित माने जा रहे हैं।
  • अगर अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ का समाधान हो जाता है, तो FPIs का निवेश और बढ़ सकता है, क्योंकि अमेरिका FPIs के कुल निवेश का लगभग 40% हिस्सा है।

ब्रोकिंग फर्म ने एक नोट में कहा कि यह रुझान फाइनैंशियल सेक्टर्स के पक्ष में बदल सकता है, क्योंकि इन सेक्टर्स का मूल्यांकन आकर्षक है और इनमें कम निवेश हुआ है। अगर FPI की बिक्री में उलटफेर होता है, तो इससे फाइनैंशियल, कैपिटल गुड्स, पावर यूटिलिटीज, रियल एस्टेट, हेल्थकेयर और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स को लाभ हो सकता है।

First Published - September 28, 2025 | 6:24 PM IST

संबंधित पोस्ट