श्रीलंका से सप्लाई बढ़ने की वजह से चालू वित्त वर्ष में चाय इंडस्ट्री के निर्यात में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
क्रिसिल रेटिंग्स की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में चाय इंडस्ट्री की ऑपरेशन प्रॉफिटेबिलिटी के पिछले साल की तुलना में एक प्रतिशत घटकर पांच प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।
चाय की पैदावार कम होने से ऐसा होने की आशंका है। हालांकि पूंजीगत खर्च न के बराबर होने और कम वृद्धि से इस इंडस्ट्री का कर्ज ढांचा स्थिर बने रहने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चाय इंडस्ट्री का निर्यात आकार घटने से इसका सालाना राजस्व आठ प्रतिशत तक घट सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक नितिन कंसल ने कहा, ‘कुल बिक्री में 82 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली घरेलू मांग इस साल भी 110 करोड़ किलो के साथ स्थिर रहने की उम्मीद है। लेकिन आकार में 18 प्रतिशत और मूल्य में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले निर्यात क्षेत्र के इस वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 18 प्रतिशत गिरकर 20 करोड़ किलो ही रह जाने का अनुमान है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की निर्यात मात्रा में गिरावट के पीछे श्रीलंका से सप्लाई में बढ़ोतरी अहम वजह हो सकती है। उर्वरकों एवं कीटनाशकों की उपलब्धता सुधरने से इस साल श्रीलंका में चाय का उत्पादन सुधरने की उम्मीद है।
यह रिपोर्ट कहती है कि श्रीलंका में चाय उत्पादन बेहतर होने पर भारतीय चाय कंपनियों का निर्यात घट सकता है।
चालू वित्त वर्ष में भारत का चाय उत्पादन 135 करोड़ किलो पर स्थिर बने रहने की संभावना है। विश्व चाय बाजार में भारत 11 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ चौथे स्थान पर है। चीन, केन्या एवं श्रीलंका दुनिया के पहले तीन चाय निर्यातक देश हैं।