भारत का माल व्यापार घाटा अक्टूबर में बढ़कर 41.68 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सोने का आयात तीन गुना बढ़ने और निर्यात में 14 महीनों में सबसे तेज गिरावट आने की वजह से व्यापार घाटा बढ़ा है। पिछले साल अक्टूबर में व्यापार घाटा 26.22 अरब डॉलर था और सितंबर 2025 में यह 32.15 अरब डॉलर था जो 13 महीने का उच्च स्तर था।
अक्टूबर में आयात 16.64 फीसदी बढ़ा और यह अब तक के सर्वोच्च स्तर 76.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सोने का आयात पिछले साल की तुलना में 199.2 फीसदी बढ़कर 14.72 अरब डॉलर हो गया जो दबी हुई मांग और त्योहारी सीजन की वजह से है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के एक भागीदार देश से चांदी के आयात में वृद्धि के कारण अक्टूबर में चांदी का आयात छह गुना बढ़कर 2.72 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया, ‘साल के पहले छह महीनों में मात्रा के लिहाज से सोने का आयात 25 फीसदी घटा था, जिसका असर त्योहारी मांग के कारण अक्टूबर में दिखा, जिससे आयात में वृद्धि देखने को मिली और व्यापार घाटा बढ़ गया।’
अक्टूबर में देश से वस्तुओं का निर्यात 11.8 फीसदी घटकर 34.38 अरब डॉलर रहा। इस गिरावट का कारण उच्च आधार माना जा सकता है। अमेरिका, सिंगापुर और नीदरलैंड सहित भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को भी निर्यात में कमी देखी गई। ऊंचे शुल्क के कारण अमेरिका को होने वाले निर्यात में 8.6 फीसदी की कमी आई।
वाणिज्य सचिव ने कहा, ‘निर्यात घटने के पीछे दो प्रमुख कारण है। पहला, ऊंचा आधार क्योंकि पिछले साल अक्टूबर में 38.98 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। अमेरिका को निर्यात के मामले में हम अपनी स्थिति टिकाऊ बनाए रखने में कामयाब रहे हैं।’
वाणिज्य सचिव ने कहा, ‘वहां अक्टूबर महीने में निर्यात पिछले साल के 6.9 अरब डॉलर की तुलना में घटकर 6.3 अरब डॉलर रह गया। मगर अच्छी बात यह है कि अमेरिका को निर्यात सितंबर के 5.8 अरब डॉलर से बढ़ा है।’
अग्रवाल ने कहा कि सिंगापुर को निर्यात 54.8 फीसदी घटकर 8.47 अरब डॉलर रह गया, जिसका मुख्य कारण पेट्रोलियम कीमतों में गिरावट है और मांग कोई चुनौती नहीं है।
अक्टूबर में सेवाओं का निर्यात 11.9 फीसदी बढ़कर 38.52 अरब डॉलर रहा और सेवाओं का आयात 8.1 फीसदी बढ़कर 18.64 अरब डॉलर हो गया। इससे सेवा मद में 19.88 अरब डॉलर का अधिशेष रहा। हालांकि वाणिज्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि अक्टूबर के सेवा व्यापार के आंकड़े अनुमान हैं और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बाद में जारी किए जाने वाले आंकड़ों के आधार पर इसे संशोधित किया जाएगा।