पिछले वर्ष जुलाई में बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए उठाए गए कदमों को ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ मानते हुए एक विशेष न्यायाधिकरण ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। महीनों तक चले मुकदमे के बाद अपने फैसले में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने 78 वर्षीय अवामी लीग नेता को हिंसक दमन का ‘मास्टरमाइंड और प्रमुख सूत्रधार बताया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी।
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सहयोगी और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई गई है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण -बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन, जो सरकारी गवाह बन गए थे, को भी इसी मामले में पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई । कमाल की सभी चल और अचल संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया गया।
अदालत ने हसीना को निहत्थे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक बल प्रयोग का आदेश देने, भड़काऊ बयान देने और ढाका तथा आसपास के इलाकों में कई छात्रों की हत्या के लिए अभियान चलाने की अनुमति देने का दोषी बताया है। न्यायाधिकरण के फैसले के बाद अपनी प्रतिक्रिया में हसीना ने कहा कि यह फैसला एक गैरअधिकृत न्यायाधिकरण ने दिया है, क्योंकि उसकी स्थापना और अध्यक्षता एक एक ऐसी अनिर्वाचित सरकार द्वारा की गई, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘आदेश पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित हैं। इससे अंतरिम सरकार के भीतर चरमपंथी लोगों के निर्लज्ज और जानलेवा इरादे उजागर होते हैं। वे अवामी लीग को एक राजनीतिक ताकत के रूप में खत्म करना चाहते हैं।’ यह फैसला बांग्लादेश में संसदीय चुनावों से कुछ महीने पहले आया है। हसीना की अवामी लीग पार्टी को फरवरी में होने वाले चुनावों में भाग लेने से रोक दिया गया है।
बांग्लादेश में विशेष न्यायाधिकरण द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ घंटों बाद भारत ने कहा कि उसने फैसले पर गौर किया है और वह पड़ोसी देश में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से बातचीत करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘एक करीबी पड़ोसी के रूप में भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है।’