निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने हर्ष कुमार और असित रंजन मिश्र को साक्षात्कार में बताया कि आईडीबीआई के रणनीतिक विनिवेश की जटिल और बहु-चरणीय प्रक्रिया में समय लग रहा है, लेकिन सरकार इस सौदे के लिए प्रतिबद्ध है। चावला ने कार्यालय में दिए साक्षात्कार के दौरान बताया कि हाल के दिनों में रक्षा शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा है लेकिन रक्षा मंत्रालय के परामर्श से सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों की सूचीबद्धता पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा। पेश हैं मुख्य अंश :
निश्चित रूप से स्टॉक मार्केट पुराने स्तरों पर वापस आ गया है। बाजार के भागीदार भविष्य की ओर देख रहे हैं। हालिया गतिविधियां बेहद प्रोत्साहित करने वाली हैं। इससे हमें इस साल ऑफर फॉर सेल्स (ओएफएस), अधिक संस्थागत प्लेसमेंट और अधिक फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के माध्यम से अधिक सूचीबद्धता का भरोसा है। हमें विश्वास है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का लाभांश भुगतान कहीं अधिक बेहतर होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की यह इच्छा है कि हम सार्वजनिक उपक्रम का मूल्य आम नागरिकों और सामान्य निवेशकों को साझा करें। हम ऐसी रणनीति अपनाएंगे कि हम छोटे हिस्से में बिक्री करें और इसे नियमित रूप से करें। इससे छोटे और व्यक्तिगत निवेशकों भी इस प्रयास में शामिल हो सकें। हम आम निवेशकों को यह सलाह देना चाहेंगे कि उन्हें आधिकारिक घोषणा पर ध्यान रखना चाहिए। हरेक के पोर्टफोलियो में सार्वजनिक उपक्रम के स्टॉक में बहुत अच्छा हेज है। इसका कारण यह है कि इन स्टॉक के पीछे सरकार है। हम सख्ती से लाभांश के मानदंडों को लागू करना चाहते हैं। हमारा पूरे साल यह प्रयास होगा कि इस साल ओएफएस और छोटे हिस्सों में मार्केट बिक्री के साथ आएं। इससे छोटे निवेशक भी हिस्सा ले सकेंगे। हम नियमित रूप से ग्रीन शू ऑप्शन को रखेंगे ताकि सार्वजनिक उपक्रम में इच्छुक सभी छोटे व व्यक्तिगत निवेशक शेयर में खरीदारी कर सकें।
हमने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों में अल्पमत हिस्सेदारी के विनिवेश की घोषणा की है हमें उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। सभी आवेदनों को मूल्यांकन किया गया, प्रस्तुतीकरण हुआ और इसमें निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सूचीबद्ध किया गया। उन्हें उपयुक्त ढंग से वर्गीकृत किया गया है और वे आगे चलकर व्यक्तिगत लेन देन का हिस्सा बने सकते हैं।
हां, हम इस पर कार्य कर रहे हैं। यह हमारा लक्ष्य और प्रतिबद्धता है। इसीलिए हमने विशेष आरएफपी जारी किया है और मर्केंटाइल बैंकों को सशक्त किया है। इससे वे आगे बढ़े सकेंगे और निर्धारित समय में काम पूरा कर सकेंगे।
एलआईसी सूचीबद्ध की जा चुकी है। हमने अभी तक 3.5 प्रतिशत का विनिवेश किया है। इसे आगे बढ़ाएंगे। एलआईसी बहुत बड़े मूल्यांकन वाली कंपनी है। हम मार्केट में उपलब्ध नकदी और छोटे निवेशकों को उचित हिस्सेदारी देने के लिए छोटे खंडों में विनिवेश करेंगे।
बाजार समझदार होता है और इस बारे में आकलन किया है। मार्केट की स्थितियां उत्साहजनक हैं। हमारा लक्ष्य नियमित रूप से बेहतर करना है। हम संपत्ति प्रबंधन, लाभांश के भुगतान और संपत्तियों की बिक्री के आधार पर अनुमान लगाते हैं कि बीते वर्ष से बेहतर करेंगे। हम राजकोषीय वृद्धि को पटरी पर रखने के लिए अधिक राजस्व देने की उम्मीद करते हैं।
हमारा रक्षा क्षेत्र राष्ट्रीय गौरव का विषय है। हम छोटे निवेशकों से भी हिस्सा साझा करना चाहते हैं। बाजार अनुशासन उद्यमों का निर्यात में प्रतिस्पर्धी बनने और अनुसंधान व विकास के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद करता है। यह हमारे लिए बेहद गर्व का विषय है कि हमारे रक्षा उद्यमों ने विश्व स्तरीय उत्पादन किया है।