facebookmetapixel
उत्तर प्रदेश में 34,000 करोड़ रुपये के रक्षा और एयरोस्पेस निवेश दर्जकेंद्र ने संसदीय समितियों का कार्यकाल दो साल करने का दिया संकेतशैलेश चंद्रा होंगे टाटा मोटर्स के नए एमडी-सीईओ, अक्टूबर 2025 से संभालेंगे कमानदिल्ली बीजेपी का नया कार्यालय तैयार, PM Modi आज करेंगे उद्घाटन; जानें 5 मंजिला बिल्डिंग की खास बातेंAtlanta Electricals IPO की बाजार में मजबूत एंट्री, ₹858 पर लिस्ट हुए शेयर; हर लॉट ₹1983 का मुनाफाJinkushal Industries IPO GMP: ग्रे मार्केट दे रहा लिस्टिंग गेन का इशारा, अप्लाई करने का आखिरी मौका; दांव लगाएं या नहीं ?RBI MPC बैठक आज से, दिवाली से पहले मिलेगा सस्ते कर्ज का तोहफा या करना होगा इंतजार?NSE Holidays 2025: अक्टूबर में 3 दिन बंद रहेंगे बाजार, 2 अक्टूबर को ट्रेडिंग होगी या नहीं? चेक करें डीटेलनए ​शिखर पर सोना-चांदी; MCX पर गोल्ड ₹1.14 लाख के पारअब QR स्कैन कर EMI में चुका सकेंगे अपने UPI पेमेंट्स, NPCI की नई योजना

टैक्स जीरो के करीब करना चाहती हूं; मेरा काम राजस्व सृजन, लोगों को परेशानी में डालना नहीं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि भारत उस धन के इंतजार की स्थिति में नहीं है, जो कहीं दूसरी जगह से आना है।

Last Updated- August 13, 2024 | 11:20 PM IST
54th GST council meet: Big relief to cancer patients, GST Council reduced the tax rate on medicines from 12% to 5%कैंसर रोगियों को मिली बड़ी राहत, दवाओं पर GST काउंसिल ने टैक्स रेट 12% से घटाकर 5% किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि वह चाहती हैं कि कर की दर शून्य के करीब कर दी जाए, लेकिन सच यह है कि भारत की चुनौतियां गंभीर हैं और हमें उनसे पार पाना होगा। शोध एवं विकास के लिए धन की जरूरत पर बल देते हुए सीतारमण ने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में उनका काम राजस्व का सृजन है, न कि लोगों को परेशान करना। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन ऐंड रिसर्च, भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह कहा।

वित्त मंत्री इस संदर्भ में बोल रही थीं कि ऊर्जा में बदलाव को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए भारत को अपना धन खर्च करना होगा, क्योंकि वादे के मुताबिक विश्व के अन्य देशों से फंड आना अभी बाकी है।

सीतारमण ने कहा कि भारत उस धन के इंतजार की स्थिति में नहीं है, जो कहीं दूसरी जगह से आना है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारत इंतजार नहीं कर सकता। पेरिस में किया गया वादा हम अपने धन से पूरा करेंगे। कई बार ऐसे मौके आते हैं, जब वित्त मंत्री होने के नाते हमें जवाब देना पड़ता है कि हमारे कर इस तरह क्यों हैं? हम इसे कम क्यों नहीं कर सकते?’

सीतारमण ने आईआईएसईआर के विद्यार्थियों से भारत की प्रगति में मदद करने के लिए नवोन्मेषी राह निकालने और जलवायु संबंधी बदलाव को लेकर तेज समाधान पेशकश करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘मेरा काम राजस्व का सृजन करना है, लोगों को परेशान करना नहीं, मैं आपको आश्वस्त करती हूं।’

वित्त मंत्री ने जोर दिया कि कर से एकत्र धन को देश में शोध एवं विकास पर लगाया जा रहा है। उन्होंने अनुसंधान कोष जैसी योजनाओं का उदाहरण दिया, जिसकी घोषणा उभरते क्षेत्रों को लंबे समय के लिए धन मुहैया कराने के लिए अंतरिम बजट में की गई है।

सीतारमण ने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि हमारे सामने स्नातकों, पीएचडी धारकों की एक बड़ी शिक्षित फौज हो, जो भारत की चुनौतियों को समझ सके। मैंने अक्षय ऊर्जा और वैश्विक ऊर्जा का उदाहरण दिया है, जो भारत जैसे विकासशील देश के लिए ऊर्जा के स्थाई स्रोतों में से एक है।’

First Published - August 13, 2024 | 10:54 PM IST

संबंधित पोस्ट