केंद्र सरकार संसदीय स्थायी समितियों का कार्यकाल एक साल से बढ़ाकर दो साल करने पर विचार कर रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कई सांसदों ने कहा था कि मौजूदा एक साल की अवधि समितियों को किसी विषय की गहराई से जांच करने और ठोस सिफारिशें देने का पर्याप्त समय नहीं देती।
इस पर अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति सी पी राधाकृष्णन से चर्चा के बाद लिया जाएगा। इन समितियों का कार्यकाल आमतौर पर सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत से शुरू होता है।
कई सदस्यों ने सरकार से कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया ताकि समितियां गहनता से विषयों की समीक्षा कर सकें और सार्थक सिफारिशें तैयार कर सकें।
प्रस्ताव का राजनीतिक महत्व भी है। अगर कार्यकाल बढ़ाने का फैसला हुआ तो कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जिन्हें 26 सितंबर 2024 को संसदीय स्थायी समिति (विदेश मामलों) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, एक और साल इस पद पर बने रहेंगे। यह ऐसे समय में होगा जब उनकी पार्टी नेतृत्व से दूरी की अटकलें लगती रही हैं और वे कई बार पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाते रहे हैं।