अगर 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले साल हुई तो भारती एयरटेल एक भरोसेमंद परिवेश के अभाव और अधिक कीमत के कारण उससे दूर रह सकती है।
भारती एयरटेल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) गोपाल विट्ठल ने कहा कि कंपनी अगले साल होने वाली 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से दूर रहेगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि मौजूदा कीमतों पर प्रस्तावित स्पेक्ट्रम कंपनी के लिए बहुत महंगा है। उन्होंने कंपनी के वित्तीय परिणाम जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि 5जी के लिए उपयुक्त परिवेश का विकास होना अभी बाकी है और फिलहाल उसकी कीमत बहुत ज्यादा है जिसे हम वहन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा सुझाई गई मौजूदा कीमतों पर एयरटेल स्पेक्ट्रम की खरीदारी नहीं करेगी।
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब कंपनी ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बोली लगाने पर टिप्पणी की है। भारती एयरटेल अपने पक्ष पर उसी समय से कायम है जब दूरसंचार नियामक ने स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण पर अपने सुझावों दिए थे। ट्राई ने दूरसंचार रेडियो तरंगों के लगभग 8,644 मेगाहट्र्ज के लिए नीलामी की सिफारिश की है जिसमें 5जी सेवाओं के लिए कुल अनुमानित आधार मूल्य 4.9 लाख करोड़ रुपये है।
वोडाफोन आइडिया (वी) और रिलायंस जियो सहित दूरसंचार कंपनियों ने कहा है कि मौजूदा कीमतें बहुत ज्यादा हैं। विट्ठल ने शुल्क दरों में वृद्धि की बात भी कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा कीमतें टिकाऊ नहीं हैं। भारती एयरटेल ने मंगलवार को जुलाई से सितंबर तिमाही (दूसरी तिमाही) के लिए 763 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 23,045 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया था।
तिमाही के दौरान कंपनी ने राजस्व में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है जिसे मुख्य तौर पर नए ग्राहकों के जुडऩे और डेटा खपत में वृद्धि से बल मिला। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी बढ़कर 25,785 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 21,131 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था। तिमाही के दौरान कंपनी का एबिटा 46 फीसदी रहा जो पिछली पांच तिमाहियों का सर्वाधिक स्तर है। जबकि एबिटा मार्जिन 768 आधार अंकों के सुधार के साथ 17.1 फीसदी हो गया।
भारतीय कारोबार के लिए कंपनी का प्रति उपयोगकर्ता औसत मासिक राजस्व (एआरपीयू) बढ़कर 162 रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 128 रुपये और जून 2020 तिमाही में 157 रुपये रहा था। एआरपीयू को दूरसंचार कंपनियों के प्रदर्शन का एक प्रमुख पैमाना माना जाता है। परिचालन के लिहाज से दूसरी तिमारी अच्छी रही। समेकित एबिटा 121 फीसदी बढ़कर 4,412 करोड़ रुपये रहा जो विश्लेषकों के 2,616 करोड़ रुपये के अनुमान से कहीं अधिक है।
तिमाही के दौरान परिचालन से प्राप्त नकद मुनाफा सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़कर 8,048 करोड़ रुपये हो गया। एयरटेल ने घाना के दूरसंचार बाजार से बाहर निकलने की भी घोषणा की और उसने अपनी 49.95 फीसदी हिस्सेदारी घाना सरकार को बेच दी है।
