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2030 तक TATA Sons Chairman बने रहेंगे एन. चंद्रशेखरन, मिला 5 साल का एक्सटेंशन

सरकारी तमिल मीडियम स्कूल से पढ़े, 1987 में TCS में Intern, 2009 में TCS CEO बनें, सबसे अधिक वेतन पाने वाले प्रोफेशनल्स में शामिल, ₹155.81 करोड़ सालाना वेतन 

Last Updated- August 01, 2025 | 5:21 PM IST
TATA Chairman N Chandrasekaran
TATA Sons official source/

टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को उनकी शानदार लीडरशिप और कंपनी के जबरदस्त प्रदर्शन के चलते पांच साल का एक और कार्यकाल सौंपा गया है। इकॉनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस के अध्यक्ष नाटराजन (एन.) चंद्रशेखरन को पांच वर्षों के लिए फिर से कार्यभार संभालने का कार्यकाल विस्तार मिला है। यह निर्णय सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर डोराबजी टाटा ट्रस्ट सहित सभी प्रमुख ट्रस्टियों की एकमत स्वीकृति से लिया गया है। टाटा ट्रस्ट्स ने इस विस्तार को नेतृत्व में स्थिरता और समूह की सतत वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा है। साथ ही, टाटा संस बोर्ड से भी इस प्रस्ताव को जल्द ही औपचारिक रूप से मान्यता मिलने की संभावना है। 

इस ताजा फैसले के बाद एन. चंद्रशेखरन 2030 तक टाटा संस की कमान संभालते रहेंगे, जिससे समूह को आगे भी स्थिर और मजबूत नेतृत्व मिलने की उम्मीद है।  टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) ने सर्वसम्मति से यह बड़ा फैसला लिया, जिससे समूह की स्थिरता और विकास की दिशा में यकीन जताया गया है। 

बता दें कि यह विस्तार ऐसे वक्त में मिला है जब समूह अपनी पोजीशन को निजी इकाई (Private Entity) बनाए रखने के लिए अहम रणनीतिक कदम उठा रहा है। साथ ही, शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की संभावित हिस्सेदारी निकलने पर भी चर्चा जारी है। टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 66 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उनकी इच्छा है कि टाटा संस एक प्राइवेट कंपनी बनी रहे। 

चंद्रशेखरन ने समूह को डिजिटल परिवर्तन, मैन्युफैक्चरिंग वृद्धि, और एयर इंडिया की पुनरुद्धार यात्रा सहित विविध क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान किया है। उनका अगला कार्यकाल टाटा ग्रुप की रणनीतिक दिशा को मजबूत बनाए रखने, SP ग्रुप के संभावित हिस्सेदारी समायोजन पर विचार-विमर्श हेतु ट्रस्ट्स की योजनाओं को आगे बढ़ाने जैसे मुद्दों में अहम भूमिका निभाएगा। उनकी अगली पंक्ति का नेतृत्व, खासकर डिजिटल कारोबार जैसे Tata Neu सुपर ऐप, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को गति देने में महत्वपूर्ण होगा।

एन. चंद्रशेखरन की अगुआई में टाटा समूह ने कई नए क्षेत्रों में निवेश किया और ग्रुप का राजस्व लगभग दोगुना, जबकि नेट प्रॉफिट तीन गुना तक पहुंच गया है। उनकी रणनीतियों ने समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है और ट्रस्टियों ने उनकी क्षमता और अनुभव पर भरोसा जताया है।

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TATA Sons के पहले गैर-पारसी चेयरमैन, कई राष्ट्रीय- अंर्तराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़े हैं 

चंद्रशेखरन जनवरी 2017 में टाटा संस के चेयरमैन नियुक्त हुए।  टाटा ग्रुप के इतिहास में पहली बार किसी गैर-पारसी एवं पेशेवर अधिकारी को चेयरमैन बनाया गया टाटा समूह के राजस्व और मुनाफे में उनके कार्यकाल में जबरदस्त वृद्धि हुई।  वे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, एयर इंडिया आदि जैसी प्रमुख कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने डिजिटलाइजेशन, नई तकनीक और विविध क्षेत्रों में समूह का मार्गदर्शन किया है। 

संगठनिक जिम्मेदारियों के अलावा वे इंडियन आईटी इंडस्ट्री बॉडी नासकॉम के चेयरमैन, आरबीआई बोर्ड के सदस्य, एवं कई आईटी सोसाइटीज़ के सक्रिय सदस्य भी रहे हैं। चंद्रशेखरन को उनकी उपलब्धियों के लिए पद्म भूषण सहित देश-विदेश के कई पुरस्कार मिल चुके हैं। चंद्रशेखरन IEEE (इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स) के वरिष्ठ सदस्य हैं और कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया और ब्रिटिश कंप्यूटर सोसाइटी के भी सक्रिय सदस्य हैं। अप्रैल 2015 में उन्हें भारतीय आईटी उद्योग की प्रमुख संस्था नैसकॉम (NASSCOM) का अध्यक्ष नामित किया गया था। भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान, चंद्रशेखरन को G20 इंडिया के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और वे वैश्विक व्यापार एजेंडा को दिशा देने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

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1987 में TCS में Intern, 2009 में TCS CEO बनें

1987 में उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ (TCS) में बतौर इंटर्न अपने करियर की शुरुआत की। लंबे समय की मेहनत के बाद वे 2007 में TCS के बोर्ड में शामिल हुए और फिर सीओओ बने। 2009 में महज 46 वर्ष की उम्र में वे TCS के सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर बने। एन. चंद्रशेखरन ने अक्टूबर 2016 में बोर्ड ज्वाइन किया था और जनवरी 2017 से चेयरमैन की भूमिका निभा रहे हैं। उनके नेतृत्व में TCS ने अभूतपूर्व ग्रोथ हासिल की और भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी बनी।

सरकारी तमिल मीडियम स्कूल से पढ़े है TATA Sons Chairman

चंद्रशेखरन का जन्म तमिलनाडु राज्य के नमक्कल जिले के पास स्थित मोहानूर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। नटराजन चंद्रशेखरन का जन्म 2 जून 1963 को हुआ था। उन्होंने तमिलनाडु के मोहनूर में एक तमिल माध्यम सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एप्लाइड साइंसेज़ में स्नातक की डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (पूर्व में रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज) से कंप्यूटर एप्लीकेशंस में परास्नातक (MCA) की डिग्री वर्ष 1986 में प्राप्त की।

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सबसे अधिक वेतन पाने वाले प्रोफेशनल्स में शामिल, ₹155.81 करोड़ सालाना वेतन 

टाटा संस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (चंद्रा) को वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में कुल ₹155.81 करोड़ का पारिश्रमिक मिला, जिससे वे भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स में शामिल हो गए हैं। उनकी सैलरी में पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

FY25 में, टाटा संस का मुनाफा 24.3 प्रतिशत घटकर ₹26,232 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्ष ₹34,654 करोड़ था। चंद्रशेखरन के कुल वेतन में ₹15.1 करोड़ वेतन और अन्य लाभ शामिल हैं, जबकि ₹140.7 करोड़ उन्हें मुनाफे पर कमीशन के रूप में मिला। FY25 में यह कमीशन कंपनी के कुल मुनाफे का 0.6 प्रतिशत रहा, जो FY24 में 0.4 प्रतिशत था। 

TATA Sons की Financial Report- 

टाटा संस का वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए कुल राजस्व ₹38,834.58 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹43,893.00 करोड़ से कम है। पिछले वर्ष की आमदनी में निवेशों की बिक्री से ₹9,375.66 करोड़ भी शामिल थे।  FY25 में कंपनी का कर-पूर्व लाभ (Profit Before Tax) ₹35,440.76 करोड़ दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल यह ₹39,813.16 करोड़ था।

कंपनी के कुल खर्च भी घटकर FY25 में ₹1,945.64 करोड़ रह गए, जबकि एक साल पहले यह ₹2,776.49 करोड़ थे। टाटा संस ने FY24 में अपने सभी कर्ज चुका दिए थे, जिससे वित्त वर्ष के अंत में कंपनी के पास ₹2,679.19 करोड़ की शुद्ध नकद (net cash) स्थिति थी; FY25 के अंत में यह बढ़कर ₹7,117.43 करोड़ हो गई।

FY25 में कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न (Return on Equity) 19.11% रहा, जबकि FY24 में यही आंकड़ा 32.2% था। टाटा संस के निवेशों की कैरीइंग कॉस्ट 31 मार्च 2025 को बढ़कर ₹1,69,826.56 करोड़ रही, जो एक साल पहले ₹1,44,711.20 करोड़ थी।

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First Published - August 1, 2025 | 5:08 PM IST

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