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Trump Tariff: ‘60% ऑर्डर हो सकते है रद्द, भारत से माल लेना बंद कर सकते हैं अमेरिकी कारोबारी’- FIEO

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024-25 में $186 अरब तक पहुँचा; भारत को अमेरिका से वर्ष 2024-25 में $41 अरब का व्यापार अधिशेष (trade surplus) था।

Last Updated- July 31, 2025 | 8:33 PM IST
वस्तुओं का निर्यात दूसरी तिमाही में 4.2 प्रतिशत बढ़कर 111.7 अरब डॉलर रहने का अनुमान Exports of goods are estimated to increase by 4.2 percent to $ 111.7 billion in the second quarter
प्रतीकात्मक तस्वीर

अमेरिका द्वारा 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ)  लगाने के ऐलान से भारतीय निर्यातकों में गहरी चिंता पैदा हो गई है। इसके साथ ही, रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर संभावित ‘पेनल्टी’ की अनिश्चितता ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। कई अमेरिकी खरीदारों ने ऑर्डर रद्द करना या फिलहाल रोकना शुरू कर दिया है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने बताया कि उद्योग जगत को अभी अमेरिकी कार्यकारी आदेश का इंतजार है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि टैरिफ और पेनल्टी किस रूप में और कितनी लगेगी। उन्होंने बताया, “मैं खुद एक निर्यातक हूं, और मेरे कई अमेरिकी खरीदारों से ऑर्डर रद्द करने के ईमेल आने लगे हैं। स्थिति वाकई चिंता का विषय है।”

प्लास्टिक उत्पादों के निर्यातक अरविंद गोयनका ने कहा, “वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों पर कम आयात शुल्क लगता है, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर होती जा रही है। अगर 25% टैरिफ के ऊपर पेनल्टी भी लगेगी, तो अमेरिकी खरीदार भारत से माल लेना बंद कर देंगे।”

एक प्रमुख चमड़ा और फुटवियर निर्यातक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि, अगर ये शुल्क लागू हो गए, तो करीब 60 प्रतिशत ऑर्डर रद्द हो सकते हैं। अमेरिकी खरीदार स्थिति साफ होने तक इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।

व्यापारी और निर्यातक समुदाय को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका जल्द ही एक अंतरिम व्यापार समझौते पर पहुंचेंगे, जिससे 25 प्रतिशत टैरिफ और पेनल्टी हटाई जा सकेगी। यह समझौता दोनों देशों के लिए व्यापारिक स्थिरता लाने में मददगार साबित हो सकता है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंध: एक नजर

  • 2024-25 में भारत-अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार: USD 186 अरब 

    • भारत का निर्यात: USD 86.5 अरब
    • भारत का आयात: USD 45.3 अरब
    • भारत का व्यापार अधिशेष (गुड्स में): USD 41 अरब
  • सेवाओं का व्यापार (2024-25 अनुमान): 

    • भारत का निर्यात: USD 28.7 अरब
    • भारत का आयात: USD 25.5 अरब 
    • अधिशेष: USD 3.2 अरब 
  • कुल व्यापार अधिशेष (गुड्स + सर्विसेज): लगभग USD 44.4 अरब 

भारत के प्रमुख निर्यात (2024):

उत्पाद मूल्य (USD अरब में)
दवा और जैविक उत्पाद 8.1
टेलीकॉम उपकरण 6.5
कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर 5.3
पेट्रोलियम उत्पाद 4.1
वाहन व ऑटो पार्ट्स 2.8
सोने व कीमती धातु के आभूषण 3.2
रेडीमेड कपड़े (कॉटन सहित) 2.8
लौह व इस्पात उत्पाद 2.7

भारत के प्रमुख आयात (अमेरिका से):

उत्पाद मूल्य (USD अरब में)
कच्चा तेल 4.5
पेट्रोलियम उत्पाद 3.6
कोयला, कोक 3.4
कटे व पॉलिश किए हीरे 2.6
विद्युत उपकरण 1.4
विमान व कल-पुर्जे 1.3
सोना 1.3

नोट: अमेरिका से भारत के कुल USD 45 अरब के आयात में से करीब USD 20 अरब का व्यापार पेट्रोलियम, कोयला, हीरा, सोना और स्क्रैप जैसे कुछ चुनिंदा उत्पादों में ही केंद्रित है।

1 अगस्त से लागू होने वाले नए अमेरिकी टैरिफ और संभावित पेनल्टी ने भारत के निर्यात बाजार में अस्थिरता और अनिश्चितता पैदा कर दी है। इसका सीधा असर लाखों छोटे-बड़े निर्यातकों, कारीगरों और MSME इकाइयों पर पड़ेगा। अगर जल्द ही कोई कूटनीतिक समाधान नहीं निकला, तो भारत का ट्रेड सरप्लस और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थान खतरे में पड़ सकता है।

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First Published - July 31, 2025 | 8:25 PM IST

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