वृहद स्तर पर समस्याओं, कम कामकाजी दिनों और सामान्य तौर पर कमजोर समझी जाने वाली मार्च तिमाही में भारतीय आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों की राजस्व वृद्धि पर प्रभाव दिखने की आशंका है। ध्यान देने की बात यह है कि विश्लेषक वित्त वर्ष 2024 में भी इस क्षेत्र की कंपनियों के लिए वृद्धि की रफ्तार सुस्त रहने का अनुमान जता रहे हैं। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी सेवा क्षेत्र का राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 600-700 आधार अंक तक घटकर 10-12 प्रतिशत रहेगा।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 10-12 प्रतिशत की संभावित वृद्धि वित्त वर्ष 2023 में संभावित 18-20 प्रतिशत और 2022 में 19 प्रतिशत (आठ वर्षों में सर्वाधिक) के मुकाबले काफी कम है।
हालांकि वित्त वर्ष 2024 के संदर्भ में अच्छी बात यह है कि कर्मचारी लागत सामान्य होने से परिचालन के मोर्चे पर सुधार आ सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने रिपोर्ट में कहा है, ‘खासकर अमेरिका और यूरोप में बीएफएसआई सेगमेंट से घरेलू आईटी कंपनियों की राजस्व वृद्धि प्रभावित होगी।’
जहां बीएफएसआई सेगमेंट की राजस्व वृद्धि आधी घटकर मध्यम एक अंक में रह सकती है, वहीं निर्माण खंड में 12-14 प्रतिशत और अन्य सेगमेंटों में 9-11 प्रतिशत तक की वृद्धि से इसकी कुछ हद तक भरपाई होगी।
बाजार की नजर इन्फोसिस के नतीजों पर लगी रहेगी, क्योंकि कंपनी पूरे वर्ष और वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के लिए अनुमान पेश करेगी। वित्तीय परिणाम सीजन टीसीएस के नतीजे के साथ होगी। टीसीएस 12 अप्रैल को अपने वित्तीय नतीजे की घोषणा करेगी।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमने अपने कवरेज वाली कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2024-25ई की राजस्व वृद्धि के अनुमान 1-2 प्रतिशत तक घटाए हैं, क्योंकि हमने बीएफएस आउटलुक में ताजा अनिश्चितता से पैदा हुई अतिरिक्त समस्याओं पर ध्यान दिया है।
हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2024ई की राजस्व वृद्धि बिग-3 कंपनियों के लिए 7-8 प्रतिशत रहेगी। एम्फेसिस के लिए अनुमानों में कटौती ज्यादा की गई है। हमने ताजा घटनाक्रम से पैदा हुए जोखिमों को ध्यान में रखते हुए भी एम्फेसिस और विप्रो के लिए उचित मूल्य में 2-6 प्रतिशत की कटौती की है। इन्फोसिस और एचसीएलटी हमारे पसंदीदा शेयर हैं।’