सऊदी री, कुवैत री, अफ्रीकन री और अबूधाबी नैशनल इंश्योरेंस कंपनी (एडीएनआईसी) सहित 9 नई विदेशी पुनर्बीमाकर्ता भारत में आने के लिए अपने आवेदन के अंतिम चरण में हैं। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ये पुनर्बीमाकर्ता गिफ्ट सिटी में आईएफएससी इंश्योरेंस ऑफिस (आईआईओ) खोलेंगी।
इनके अलावा 10 और पुनर्बीमाकर्ता बातचीत के शुरुआती चरण में हैं। हाल में सोल की पुनर्बीमा कंपनी कोरियन रीइंश्योरेंस कंपनी (कोरियन री) को नवंबर 2025 में गिफ्ट सिटी में आईएफएससी इंश्योरेंस ऑफिस खोलने को मंजूरी मिली थी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रश्न के जवाब में सऊदी री ने कहा, ‘भारत का बीमा क्षेत्र तेजी की राह पर है। यह महत्त्वपूर्ण रणनीतिक बाजार बना हुआ है, जहां हमने एक दशक से अधिक समय से मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है। भारत के बाजार के अपने ग्राहकों व भागीदारों को सेवा प्रदान करने और दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को मजबूत करने के अवसरों का लाभ उठाने को हम उत्सुक हैं।’
गिफ्ट सिटी में आईएफएससी इंश्योरेंस ऑफिस (आईआईओ) खोलने को लेकर विदेशी पुनर्बीमा कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ रही है, क्योंकि अपने देश में स्थित मुख्यालय से भारत में काम करना तुलनात्मक रूप से कठिन होता है। भारत में इन्हें आसान अनुपालन मानक और परिचालन संबंधी लचीलापन मिलता है। विशेषज्ञों ने कहा कि संशोधित (क्रॉस बॉर्डर रीइन्शुरर) सीबीआर मानदंड भी पुनर्बीमाकर्ताओं को गिफ्ट सिटी में कार्यालय खोलने के लिए आकर्षित कर रहे हैं। इस समय गिफ्ट सिटी में सिंगापुर री, पीक री, एवरेस्ट री, दोहा इंश्योरेंस सहित 9 पुनर्बीमा कंपनियां काम कर रही हैं।
हाल ही में एक सीआईआई कार्यक्रम के दौरान लॉकटन इंडिया के सीईओ और कंट्री हेड संदीप डाडिया ने कहा था कि देश में कई पुनर्बीमाकर्ता हैं और 20 नए गिफ्ट सिटी के माध्यम से आ सकती हैं। डेलॉइट इंडिया के पार्टनर देवाशीष बनर्जी ने कहा, ‘विनियमन में सुधार के कारण विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं की भारतीय बाजार में प्रवेश करने को लेकर रुचि बढ़ी है। हालांकि कंपनियां (विदेशी पुनर्बीमा शाखा) एफआरबी और गिफ्ट सिटी दोनों संभावनाएं देख रही हैं। सरल प्रक्रिया के कारण गिफ्ट सिटी की ओर उनका झुकाव है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मानदंडों में बदलाव, ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ की घोषणा और संशोधित (क्रॉस बॉर्डर रीइंश्योरर) सीबीआर मानदंडों की घोषणा के बाद विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं की रुचि बढ़ी है।’ भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने 2024 के सर्कुलर में अनिवार्य किया कि भारत से पुनर्बीमा व्यवसाय स्वीकार करने वाले क्रॉस-बॉर्डर पुनर्बीमाकर्ता (सीबीआर) को देश के भीतर उपस्थिति बनाए रखना चाहिए।
यह पहल घरेलू पुनर्बीमा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से है। विशेषज्ञों के अनुसार इस जरूरत की वजह से गिफ्ट सिटी के माध्यम से प्रवेश करने की रुचि बढ़ी है, क्योंकि अपने देश से काम करने की तुलना में अपेक्षाकृत सरल मानदंड मिल जाते हैं।
हाउडेन इंडिया के हेड रीइंश्योरेंस प्रतीक सिंघल ने कहा, ‘भारतीय पुनर्बीमा खंड आकर्षक बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर बहुत सारी भूराजनीतिक अनिश्चितताएं और चुनौतियां हैं। दूसरा, भारत में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भारी निवेश हो रहा है, जहां बीमा की जरूरत है। बीमाकर्ताओं के लिए इन्फ्रा, संपत्ति और इंजीनियरिंग सबसे अधिक लाभदायक क्षेत्रों में से एक हैं और उन्हें पुनर्बीमा समर्थन की आवश्यकता है।’