facebookmetapixel
Stocks to Watch today: ट्रंप के नए टैरिफ के बाद Pharma Stocks पर फोकस, Polycab; Eternal समेत इन स्टॉक्स पर भी रहेगी नजरअमेरिका ने दवाओं पर 100% आयात टैरिफ लगाया, ट्रंप बोले- छूट के लिए लोकल फैक्ट्री होना जरूरीत्योहारों से Auto-FMCG भरेंगे उड़ान, IT रहेगा कमजोर – एक्सपर्ट ने बताया कहां करें निवेशStock Market Update: ट्रंप के नए टैरिफ से बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 153 अंक टूटा; निफ्टी 24850 के नीचे, Sun Pharma 5% लुढ़कासरकार ने मांग बढ़ाने के लिए अपनाया नया रुख, टैक्स छूट पर जोरCCIL: सरकारी बॉन्ड और विदेशी मुद्रा बाजार को आम लोगों तक पहुंचाने की पहलEditorial: जीएसटी अपील पंचाट शुरू, टैक्स विवाद सुलझाने में आएगी तेजीदेश के वाणिज्यिक पंचाटों में 3.56 लाख मामले लंबित, 24.72 लाख करोड़ रुपये फंसेरिवाइज्ड कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी नियमों में छोटी, हाइब्रिड कारों को रियायतCMF ने ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम के साथ संयुक्त उद्यम बनाया

Flipkart Walmart deal: सुप्रीम कोर्ट ने टाइगर ग्लोबल को मिली कर छूट पर हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

2018 की 14,500 करोड़ रुपये की फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील से जुड़े पूंजीगत लाभ पर डीटीएए के तहत टैक्स छूट का मामला, अगली सुनवाई 14 फरवरी को

Last Updated- January 24, 2025 | 10:54 PM IST
Google will invest 350 million dollars in Flipkart, IT company has a big plan regarding AI and Gen AI Flipkart में गूगल करेगी 35 करोड़ डॉलर का निवेश, AI और Gen AI को लेकर IT कंपनी का बड़ा प्लान

उच्चतम न्यायालय ने मॉरिशस की निवेश इकाई टाइगर ग्लोबल इंटरनैशनल होल्डिंग्स के पक्ष में दिए गए उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है। यह मामला 2018 में फ्लिपकार्ट सिंगापुर की हिस्सेदारी 14,500 करोड़ रुपये में वालमार्ट को बेचने से जुड़ा हुआ है, जिससे भारत में पूंजीगत लाभ कमाया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है, ‘याचिका में उठाए गए मसलों पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इस दौरान उच्च न्यायालय द्वारा पारित विवादित निर्णय एवं आदेश के संचालन, कार्यान्वयन एवं निष्पादन पर रोक रहेगी।’ उच्चतम न्यायालय में इस मामले पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।

अगस्त 2024 में उच्च न्यायालय के फैसले से भारत-मॉरिशस दोहरे कराधान से बचने के समझौते (डीटीएए) के तहत पूंजीगत लाभ कर छूट के लिए टाइगर ग्लोबल की पात्रता की पुष्टि हुई थी। इसके पहले अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग्स (एएआर) ने टाइगर ग्लोबल को संधि का लाभ देने से इनकार कर दिया था। एएआर का तर्क था कि यह लेन देन कर से बचने के लिए किया गया था, ऐसे में भारत मॉरिशस डीटीएए इस तरह के अप्रत्यक्ष लेनदेन पर लागू नहीं होता है।

बहरहाल दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीटीएए के ग्रैंडफादरिंग प्रावधान और टाइगर ग्लोबल की टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट (टीआरसी) का हवाला देते हुए एएआर की रूलिंग को पलट दिया।

उच्च न्यायालय ने डीटीएए के अनुच्छेद 13 (3ए) का हवाला देते हुए कहा कि 1 अप्रैल, 2017 के पहले खरीदे गए शेयरों से हुए लाभ पर भारतीय करों से छूट है। न्यायालय ने केंद्र सरकार बनाम आजादी बचाओ आंदोलन में उच्चतम न्यायालय के फैसले का का हवाला देते हुए जोर दिया कि मॉरिशस द्वारा जारी टीआरसी, रेजिडेंसी के लिए पर्याप्त साक्ष्य है और इससे संधि के लाभों की पात्रता बनती है। इसने तर्क खारिज कर दिया कि टाइगर ग्लोबल की मॉरिशस स्थित संस्थाओं में ‘कमर्शियल सब्सटेंस’ का अभाव है और उसके द्वारा मॉरिशस के कानूनों के अनुपालन पर प्रकाश डाला।

कर और सलाहकार फर्म एकेएम ग्लोबल में टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा कि शीर्ष न्यायालय के फैसले का असर पूरे भारत पर पड़ेगा और इससे कर के हिसाब से मामले की गंभीरता स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, ‘कई प्रमुख क्षेत्र हैं, जिन पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।’

First Published - January 24, 2025 | 10:54 PM IST

संबंधित पोस्ट