सरकार के दखल के बाद पिछले दो दिनों में दिल्ली से कई स्थानों के लिए अधिकतम हवाई किराये 14 से 61 फीसदी तक घट गए हैं। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यह बताया। उन्होंने विमानन कंपनियों को वाजिब किराया लेने की हिदायत दी थी।
सिंधिया ने कहा कि विमानन कंपनियों को लोगों का ख्याल रखते हुए किराये पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विमानन कंपनियों को डीजीसीए या मंत्रालय से यह सुनने का इंतजार नहीं करना चाहिए कि किराये वाजिब नहीं हैं।
मंत्री ने हवाई किराये में जबरदस्त इजाफे के मसले पर 5 जून को विमानन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली से श्रीनगर, लेह, पुणे और मुंबई के लिए 6 जून के अधिकतम हवाई किराये 14 से 61 फीसदी तक घट गए हैं। डीजीसीए और मेरा मंत्रालय इस पर रोजाना नजर रख रहा है।’
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार हवाई किराये पर उस तरह नियंत्रण नहीं करना चाहती, जैसा कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान किया गया था। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘वैश्विक महामारी के दौरान विमानन कंपनियों और मुसाफिरों को बचाने के लिए थे क्योंकि कंपनियों के सभी विमान ठप खड़े थे और यात्रियों से बहुत अधिक किराया वसूला जा सकता था। ‘
मंत्री ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि विनियमन से परे किसी क्षेत्र में किराये तय किए जा सकते हैं। मगर हम किरायों में बेतहाशा बढ़ोतरी भी नहीं होने दे सकते।’
पिछले कुछ हफ्तों में श्रीनगर, पुणे, अहमदाबाद, मुंबई और लेह जैसे मार्गों पर हवाई किराये काफी बढ़ गए थे। इन मार्गों पर उड़ान भरने वाली विमानन कंपनी गो फर्स्ट 3 मई से ठप हो गई है, जिसके बाद किराये बढ़ने लगे थे। वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।
सिंधिया ने कहा कि गो फर्स्ट का काम बंद होने से विमान कम होने और छुट्टियां शुरू हो जाने के कारण हवाई किराये बढ़ गए हैं। मगर उन्होंने कहा, ‘विमानन कंपनियों को DGCA के निर्देश का इंतजार करने के बजाय खुद ही किराये में उतार-चढ़ाव पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि यह उनके सामाजिक सरोकार का हिस्सा भी है।’
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क्लियरट्रिप के उपाध्यक्ष (हवाई श्रेणी) गौरव पटवारी ने कहा कि उड़ानें रद्द होने के कारण डी-15 बुकिंग विंडो (उड़ान से 15 दिन पहले होने वाली बुकिंग) के तहत बुकिंग अचानक बढ़ गई। उन्होंने कहा कि गो फर्स्ट की उड़ानों वाले रास्तों पर विमानों में यात्रियों की संख्या और किराये एकाएक बहुत बढ़ गए।
गो फर्स्ट के बारे में मंत्री ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वह जल्द ही काम शुरू कर देगी। उन्होंने एक योजना रखी थी। हमने उनसे कुछ सवाल पूछे थे, जिनका जवाब उनके पास से आना है। DGCA जवाब देख लेगा तो हम मंजूरी दे देंगे और उसकी उड़ानें शुरू हो जाएंगी।’
सरकार ने विमान बनाने वाली कंपनियों- एयरबस और बोइंग- से कहा है कि वे अपने भारतीय ग्राहकों को जल्द से जल्द विमानों की आपूर्ति करें क्योंकि यहां क्षमता मांग से काफी कम है। सिंधिया ने कहा कि मंत्रालय की भूमिका नियामक की नहीं है मगर वह सुविधा दे सकता है क्योंकि हवाई अड्डों और विमानन कंपनियों की वृद्धि से आम लोगों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी।
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जेट एयरवेज अप्रैल 2019 में दिवालिया हो गई और अब गो फर्स्ट पिछले महीने से ठप पड़ी है। मगर मंत्री ने कहा कि देश में करीब 25 साल बाद एक नई विमानन कंपनी आकाश एयर भी आई है। उन्होंने कहा कि सरकार की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान की मदद से स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाईबिग जैसी कई क्षेत्रीय विमानन कंपनियां भी आई हैं।