सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को बड़ी रकम देकर मदद करने का फैसला किया है। यह राशि ₹ 89,047 करोड़ है, जो एक बहुत बड़ी रकम है। इस पैसे का उपयोग बीएसएनएल को बेहतर बनाने और लोगों को तेज और बेहतर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने में किया जाएगा। सरकार इक्विटी इन्फ्युजन के जरिए BSNL को 4G/5G स्पेक्ट्रम भी देगी, जिससे उनका इंटरनेट और भी तेज हो जाएगा। यह फैसला प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की टीम ने लिया है।
BSNL को बहुत मुश्किलों का सामना रहा है क्योंकि उनके पास अच्छा बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। उन्होंने Jio, Airtel और Vodafone जैसी अन्य कंपनियों से काफी कंपटीशन फेस किया है। ये कंपनियां तेज इंटरनेट और सस्ते फोन कॉल ऑफर करती हैं, जिसने बीएसएनएल के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
रिवाइवल पैकेज की खबरों के बाद से BSNL के शेयर करीब 12% उछले हैं। पहले रिपोर्ट किया गया था कि सरकार कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) को बंद करने पर विचार कर रही है।
नतीजतन, MTNL के कर्मचारियों और ऑपरेशन को BSNL में ट्रांसफर करने की योजना है, पहले विचार किया जा रहा था कि इन दोनों कंपनियों को मर्ज कर दिया जाएगा लेकिन अब लगता है कि MTNL पर ताला लग जाएगा।
MTNL बंद हुआ तो 3,574 कर्मचारियों के सामने सिर्फ वीआरएस लेने का ही विकल्प
MTNL के बंद होने और शेयर बाजार से उसकी सूचीबद्धता खत्म होने की स्थिति में कंपनी और उसके 3,574 कर्मचारियों के सामने संभवतः स्वैच्छिक सेवानिवृत्तिय योजना (VRS) का एकमात्र विकल्प बचेगा।
सरकार ने अक्टूबर 2019 में घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी। इस पैकेज में दोनों इकाइयों का विलय और सॉवरिन समर्थित बॉन्ड जारी करके धन जुटाने का प्रावधान शामिल था। लेकिन वित्त वर्ष 23 तक एमटीएनएल का कर्ज बढ़कर 23,500 करोड़ रुपये हो गया।
इससे पहले मंगलवार को मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार एमटीएनएल को बंद कर सकती है और बीएसएनएल का परिचालन जारी रख सकती है।