दमदार नकदी प्रवाह और कर्ज घटाने की संभावना के कारण जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (जेपीएल) का मूल्यांकन शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के समय तक 148 अरब डॉलर होने के आसार हैं। उसने भारती एयरटेल के मूल्यांकन मल्टीपल में इजाफा किया है। इसकी वजह उसके प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व में लगातार वृद्धि और वित्त की बेहतर संरचना है। एक नोट में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने यह जानकार दी है।
उसके विश्लेषण में शामिल भारतीय दूरसंचार परिचालकों के लिए मूल्यांकन में यह बढ़त ‘नए आशावाद’ का हवाला देकर की गई है जो पूरे क्षेत्र में दमदार वित्तीय और कारोबारी आधार के बल पर हो रही है। उसने बेहतर शुल्क संरचना, 5जी अपनाने के लिए नए सिरे से जोर तथा प्रीमियमाइजेशन रुझानों को भी ध्यान में रखा है।
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त में समूह की वार्षिक आम बैठक में कहा था कि साल 2026 की पहली छमाही में रिलायंस जियो को सूचीबद्ध कराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जियो आरआईएल की दूरसंचार क्षेत्र की सहायक कंपनी है और समूह के डिजिटल कारोबार जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के तहत आते हैं। जियो प्लेटफॉर्म्स को ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराया जाएगा।
इससे पहले जेपीएल ने फेसबुक (अब मेटा), गूगल (अब अल्फाबेट), सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडाला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटरटन, सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड, इंटेल कैपिटल और क्वालकॉम वेंचर्स के नेतृत्व में 13 निवेशकों से 32.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले में लगभग 1,52,056 करोड़ रुपये जुटाए थे।
फेसबुक (अब मेटा) की जियो प्लेटफॉर्म में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गूगल के पास अन्य 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पीई निवेशकों के पास शेष 16 प्रतिशत है। जेपीएल में वर्तमान में 66.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पास है।