तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर कारखाने में श्रमिक संगठन सीटू की अगुआई में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए सैमसंग अपने विनिर्माण संयंत्र को दूसरी जगह ले जाने पर विचार कर रही है और इसके लिए अन्य राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।
घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बताया कि आंध्र प्रदेश में एकीकृत टाउनशिप और विशेष आर्थिक क्षेत्र श्री सिटी के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में पहले ही सैमसंग के अधिकारियों से अनौपचारिक बातचीत के लिए संपर्क किया जा चुका है।
इस बीच मंगलवार की रात को तमिलनाडु पुलिस ने कांचीपुरम जिले के सुंगुवचत्रम इलाके में हड़ताल जारी रखने वाले 10 श्रमिकों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने कहा कि अगर हड़ताल लंबी खिंचती है तो कंपनी अपने कुछ उत्पादन को नोएडा के कारखाने में शिफ्ट करने के विकल्प पर विचार कर सकती है।
सैमसंग के कारखाने में 9 सितंबर से हड़ताल शुरू हुई थी और बुधवार को इसके 31 दिन हो गए हैं। श्री सिटी के अधिकारियों से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर सैमसंग के प्रवक्ता ने कहा, ‘सैमसंग लगभग तीन दशक से भारत की विकास यात्रा में एक मजबूत भागीदार रही है और सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए प्रतिबद्ध है। हम विनिर्माण, शोध एवं विकास और अनूठे नवाचारों में निवेश करके राष्ट्र निर्माण के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भारत सरकार विभिन्न राज्य सरकारों, जहां हमारी मौजूदगी है, के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। हम तमिलनाडु सरकार के समर्थन के लिए उनके आभारी हैं।’
जहां तक श्री सिटी के घटनाक्रम की बात है तो शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत या प्रस्ताव अभी नहीं किया गया है। कंपनी प्रत्येक कर्मचारियों को 5,000 रुपये विशेष भत्ता देने की पेशकश की है मगर सीटू ने इससे इनकार करते हुए श्रमिक संगठन को पंजीकृत करने की मांग कर रहा है।
तमिलनाडु के वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री थंगम तेनारासु ने संयंत्र को दूसरी जगह ले जाने का दावा करने वाली रिपोर्टों का खंडन किया। उन्होंने कर्मचारियों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए कहा कि सीटू यूनियन को केवल अदालत के आदेश के बाद ही पंजीकृत किया जा सकता है और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
आंध्र प्रदेश स्थित श्री सिटी चेन्नई से केवल 75 किलोमीटर दूर है, जहां कार से ढाई घंटे में पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा श्री सिटी के 100 किलोमीटर के दायरे में पांच बंदरगाह हैं। सैमसंग, सीटू और सरकार के बीच चल रही बातचीत से अवगत एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘सरकार मुद्दे का समाधान करने के लिए सभी उपाय कर रही है। फिलहाल कंपनी की त्योहरी बिक्री योजना पर कोई असर नहीं पड़ा है।’ सरकार की ओर से तमिनलाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा, एमएसएमई मंत्री टी एम अनबरसन और श्रम मंत्री सी वी गणेशन सभी हितधारकों के साथ बातचीत की अगुआई कर रहे हैं।
हड़ताली कर्मचारियों के अनुसार कंपनी उनसे कम वेतन पर काम ले रही थी और ज्यादा ओवरटाइम करा थी, साथ ही उनकी यूनियन को मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है। सोमवार को कंपनी ने विशेष भत्ते की पेशकश के साथ इन सभी चिंता को दूर करने पर सहमति जताई है।
समझौता ज्ञापन के मुताबिक कंपनी कर्मचारियों को अक्टूबर 2004 से मार्च 2025 तक हर महीने 5,000 रुपये उत्पादन स्थायित्व प्रोत्साहन देगी। कर्मचारियों के साथ वेतन वार्ता के दौरान 2025-26 के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए इस विशेष प्रोत्साहन पर विचार किया जाएगा।
उद्योग संगठन फिक्की के तमिलनाडु स्टेट काउंसिल के चेयरमैन जीएसके वेलू ने कहा, ‘राज्य की औद्योगिक गति और निवेशकों को आकर्षण बनाए रखने के लिए मामले का त्वरित समाधान करना महत्त्वपूर्ण है। कर्मचारियों को काम पर लौटना चाहिए और दोनों के लिए लाभदायक समाधान तलाशने के लिए प्रबंधन के साथ सहयोग करना चाहिए।’
सीआईआई के तमिलनाडु स्टेट काउंसिल के चेयरमैन श्रीवत्स राम ने कहा, ‘सरकार की सक्रिय नीतियों और कारोबार को सुगम बनाने के कई उपाय करने से राज्य कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा कर रहा है। मैं हालिया औद्योगिक विवाद में शामिल सभी हितधारकों से अपील करता हूं कि वे मामले का जल्द समाधान के लिए काम करें ताकि राज्य में आर्थिक गतिविधि की रफ्तार और प्रतिष्ठा प्रभावित न हो।’