NFO Alert: फ्रैंकलिन टेंपलटन (इंडिया) ने मंगलवार को फ्रैंकलिन इंडिया मल्टी-फैक्टर फंड (Franklin India Multi-Factor Fund) लॉन्च करने की घोषणा की है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो मल्टी-फैक्टर आधारित क्वांटिटेटिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर काम करेगी। यह फंड एक डेटा-आधारित और सिस्टमैटिक अप्रोच का इस्तेमाल करके शेयरों का चयन करेगी, जो चार प्रमुख फैक्टर्स — क्वालिटी (Quality), वैल्यू (Value), सेंटिमेंट (Sentiment) और ऑल्टरनेटिव (Alternatives) यानी QVSA पर आधारित होंगे। फंड का इन्वेस्टमेंट यूनिवर्स मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर भारत की टॉप 500 लिस्टेड कंपनियों पर केंद्रित होगा। इस फंड का मकसद एक अनुशासित, मॉडल-आधारित प्रक्रिया को फंड मैनेजर की विशेषज्ञता के साथ जोड़कर रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न (Risk-adjusted Returns) देना है।
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फंड का नाम – फ्रैंकलिन इंडिया मल्टी-फैक्टर फंड
फंड टाइप – ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम
NFO ओपन डेट – 10 नवंबर, 2025
NFO क्लोजिंग डेट – 24 नवंबर, 2025
मिनिमम लंपसम निवेश – ₹5,000
मिनिमम SIP निवेश – ₹500
एग्जिट लोड – 1 साल के भीतर रिडीम (बेचते) करते हैं, तो 0.50% का एग्जिट लोड लगेगा। हालांकि, 10% यूनिट्स पर कोई एग्जिट लोड नहीं होगा।
बेंचमार्क – BSE 200 TRI
रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)
फंड मैनेजर – अरिहंत जैन
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इस स्कीम के फंड मैनेजर अरिहंत जैन ने कहा, “फ्रैंकलिन इंडिया मल्टी-फैक्टर फंड एक अनुशासित और क्वांटिटेटिव (डेटा-आधारित) प्रक्रिया का उपयोग करके एक डायवर्स पोर्टफोलियो तैयार करता है। इसका क्वांट मॉडल शेयरों का चयन 4 प्रमुख कैटेगरी— क्वालिटी (Quality), वैल्यू (Value), सेंटिमेंट (Sentiment) और ऑल्टरनेटिव्स (Alternatives) — के आधार पर करता है। इनके भीतर कई उप-मानदंड (sub-metrics) शामिल हैं, जो शेयरों के प्रदर्शन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न बाजार चक्रों (market cycles) में अलग-अलग फैक्टर अलग तरह से काम करते हैं। क्वालिटी, वैल्यू, मोमेंटम और लो वोलैटिलिटी जैसे कई फैक्टर्स में निवेश करने से निवेशक एक ही फैक्टर पर निर्भर रहने से होने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं।
फ्रैंकलिन टेंपलटन (इंडिया) ने बताया कि इस फंड का इन्वेस्टमेंट यूनिवर्स मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर भारत की टॉप 500 लिस्टेड कंपनियों पर फोक्स्ड होगा। इस फंड का मकसद एक अनुशासित, मॉडल-आधारित प्रक्रिया को फंड मैनेजर की विशेषज्ञता के साथ जोड़कर रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न (Risk-adjusted Returns) देना है।
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जैन ने बताया, QVSA मॉडल पर चलते हुए फंड गुणात्मक (Qualitative) और मात्रात्मक (Quantitative) दोनों तरह के डेटा का विश्लेषण करता है। यह क्वांट मॉडल पोर्टफोलियो बनाने के दौरान 40 से ज्यादा फैक्टर्स को ध्यान में रखता है। साथ ही, सेक्टर, साइज, रिस्क और स्टाइल बायसेस को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाता है ताकि अनचाहे जोखिमों को कम किया जा सके। इसके अलावा, रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजीज को भी शामिल किया गया है ताकि पोर्टफोलियो का मिक्स ज्यादा प्रभावी और संतुलित बनाया जा सके।
यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो डेटा-आधारित निवेश रणनीति और तकनीकी विश्लेषण (AI व क्वांट मॉडल्स) के माध्यम से निवेश करना चाहते हैं। एक डायवर्स पोर्टफोलियो में निवेश करके जोखिम को संतुलित करना चाहते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करके बाजार के अलग-अलग चक्रों में स्थिर और रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न कमाना चाहते हैं। पारंपरिक फंड्स की तुलना में एक अनुशासित, मॉडल-ड्रिवन निवेश दृष्टिकोण अपनाने के इच्छुक हैं।
कुल मिलाकर, यह फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है जो तकनीक और मानवीय विशेषज्ञता के मिश्रण से बनाए गए स्मार्ट, स्थिर और संतुलित निवेश विकल्प की तलाश में हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की जानकारी दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)