भारत की सबसे बड़ी देसी प्राइवेट इक्विटी फर्म क्रिस कैपिटल ने अपने दसवें फंड ‘क्रिसकैपिटल एक्स’ को 2.2 अरब डॉलर के साथ पूरा कर लिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा भारत-केंद्रित प्राइवेट इक्विटी फंड है। यह रकम पिछले 1.35 अरब डॉलर के फंड से काफी अधिक है। इससे दुनिया भर में धन जुटाने के चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद भारत की दीर्घावधि विकास की राह में बढ़ती वैश्विक और घरेलू दिलचस्पी का पता चलता है।
यह फंड अपनी पहली क्लोजिंग के छह महीने के भीतर ही संपन्न हो गया। उसने वैश्विक और पहली बार भारतीय निवेशकों के विविध आधार को आकर्षित किया। लगभग 85 प्रतिशत प्रतिबद्धताएं पेंशन फंडों, बीमा कंपनियों और सॉवरिन फंडों सहित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से मिलीं। भारतीय संस्थागत निवेशकों और बड़े फैमिली ऑफिसों का योगदान लगभग 15 प्रतिशत रहा।
क्रिसकैपिटल में पार्टनर गौरव आहूजा ने कहा, ‘यह पहली बार है जब फंड ने घरेलू निवेशकों से पूंजी जुटाई है। भारत में संपत्ति बढ़ रही है और संगठित फैमिली ऑफिसों की संख्या में वृद्धि हुई है। कई बड़े परिवार अपने परिचालन व्यवसायों से बाहर निकलकर वैकल्पिक प्लेटफॉर्मों पर निवेश की सोच रहे हैं। हमें लगा कि इस पूंजी का लाभ उठाने का यह सही समय है।’
आहूजा ने बताया कि कंपनी ने लगभग 50 घरेलू निवेशकों से 30 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह पूल तेजी से बढ़ रहा है। हमें लंबी अवधि के निजी इक्विटी निवेश के लिए मजबूत दिलचस्पी दिख रही है।’ कंपनी अगले तीन से चार वर्षों में फंड एक्स का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। इस तरह वह उद्यम प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाओं, फार्मास्युटिकल्स और स्वास्थ्य सेवा, उपभोक्ता और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में स्थापित, उच्च-वृद्धि वाले व्यवसायों को समर्थन देने की रणनीति जारी रखेगी।
क्रिसकैपिटल ने अब तक 110 से ज्यादा निवेश किए हैं और उनमें से 80 से अधिक से वह बाहर निकल चुकी है। इनमें मैनकाइंड फार्मा, एनएसई, इन्फोगेन, केआईएमएस हॉस्पिटल्स और सेंटर-फॉर-साइट जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इस फंड ने अपनी स्थापना के बाद से भारत में 5.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है और सभी में निकलने पर 3 गुना रिटर्न मिला। आहूजा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमने पांच वर्षों में 3 गुना रिटर्न का लक्ष्य रखा है और फंड के पूरे जीवनकाल में हमारा प्रदर्शन लगातार 25 प्रतिशत से अधिक रहा है।’