केंद्र सरकार ने अब साफ-साफ बता दिया है कि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन कैसे तय होगी। DoPPW ने इसके लिए एक नया आदेश जारी किया है। इसका मतलब यह है कि अब किसी कर्मचारी की पेंशन या फैमिली पेंशन उसकी आखिरी नौकरी वाले दिन के नियमों के हिसाब से तय की जाएगी। यानी, जिस दिन कर्मचारी रिटायर होगा, नौकरी छोड़ेगा या उसकी मृत्यु होगी। उसी दिन के नियम लागू होंगे। सरकार का यह आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि किसी को यह भ्रम न रहे कि पेंशन गिनने में कौन-सा दिन आखिरी कार्य दिवस माना जाएगा। इससे अब पेंशन तय करने में किसी तरह की दिक्कत या गलती नहीं होगी।
नए CCS (Pension) Rules, 2021 के नियम 5 के तहत अब यह तय किया गया है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की पेंशन या पारिवारिक पेंशन उसी दिन के नियमों के हिसाब से तय होगी, जिस दिन वह रिटायर, नौकरी छोड़ता है, सेवा से हटाया जाता है या उसकी मृत्यु होती है। सरकार ने अपने आदेश में साफ कहा है, “किसी सरकारी कर्मचारी की पेंशन या पारिवारिक पेंशन उसी नियम से तय की जाएगी, जो उसके रिटायर होने, इस्तीफा देने या मृत्यु के समय लागू हों।”
सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले छुट्टी पर हो, अनुपस्थित हो, या सस्पेंशन (निलंबन) में हो, तो उसका रिटायरमेंट या मृत्यु का दिन भी उसी अवधि का हिस्सा माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि ऐसे मामलों में उसकी सेवा में कोई रुकावट (break) नहीं मानी जाएगी। यानी, पेंशन की गिनती लगातार चलेगी और कर्मचारी या उसके परिवार की पेंशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सरकार ने अब उन माता-पिता के लिए नया नियम बनाया है जिनके बेटे या बेटी सरकारी नौकरी में थे और उनकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई। अब ऐसे मामलों में दोनों माता-पिता को हर साल अलग-अलग जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) देना होगा। इससे सरकार के पास उनका रिकॉर्ड अपडेट रहेगा और अगर किसी एक माता-पिता की मृत्यु हो जाती है, तो गलती से ज्यादा पेंशन देने की स्थिति नहीं बनेगी। नए CCS (Extraordinary Pension) Rules, 2023 के नियम 12(5) के अनुसार, अगर किसी सरकारी कर्मचारी की पत्नी या बच्चे नहीं हैं, तो उसके माता-पिता को जीवनभर पारिवारिक पेंशन मिलेगी। इस नियम से यह सुनिश्चित किया गया है कि ऐसे माता-पिता की आर्थिक सुरक्षा बनी रहे।
सरकार का कहना है कि इन नए नियमों से पेंशन की प्रक्रिया अब ज्यादा आसान और पारदर्शी हो जाएगी। पहले अलग-अलग विभागों में यह विवाद रहता था कि कर्मचारी का आखिरी कार्य दिवस कौन-सा माना जाए, जिससे पेंशन तय करने में देरी और भ्रम होता था। लेकिन अब इन नए निर्देशों से ऐसे सभी विवाद खत्म हो जाएंगे। पेंशन का भुगतान अब तेजी और सही तरीके से किया जा सकेगा, चाहे कर्मचारी सस्पेंशन, छुट्टी, या फैमिली पेंशन के किसी भी मामले में क्यों न हो।